जनरल बिपिन रावत अपने पद की गरिमा का ध्यान रखें: पी. चिदम्बरम

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जहां देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं विपक्ष भी भाजपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने तिरुवनंतपुरम में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और भाजपा पर निशाना साधा।

 

चिदंबरम ने कहा, अमित शाह को राज्यसभा और लोकसभा में हुए बहस को फिर से सुनना चाहिए, उन्होंने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया और अब वह इस पर बहस के लिए राहुल गांधी को चुनौती दे रहे हैं। इस कानून के बारे में सरकार द्वारा जो कुछ भी बताया जा रहा है, सब कुछ गलत है। चिदंबरम ने कहा, डीजीपी और आर्मी जनरल को सरकार का समर्थन करने के लिए कहा जा रहा है, यह शर्म की बात है। हम जनरल रावत से अपील करते हैं, आप सेना के प्रमुख हैं, आप अपने पद की गरिमा का ध्यान रखें।

 

यह सेना का काम नहीं है कि हम राजनेताओं को बताएं कि हमें क्या करना चाहिए, क्योंकि यह हमारा काम नहीं है कि हम आपको बताएं कि युद्ध कैसे लड़ा जाए। गौरतलब है कि सेना प्रमुख बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा था कि नेता जनता के बीच से उभरते हैं, अगर कोई नेता आगजनी और हिंसा भड़काने के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों व जनता को उकसाता है तो वह नेतृत्व नहीं कर सकता। नेता वही है जो जनता को सही दिशा में लेकर जाए।

जनरल बिपिन रावत ने कैंपस में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन का नेतृत्व करने पर नाराजगी जाहिर की थी। रावत ने विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे। उनके इस बयान पर अब राजनीतिक घमासान शुरू हो गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और एआईएमआईएम के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सेनाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था। दिग्विजय ने जहां सांप्रदायिक आधार पर हिंसा को लेकर सवाल पूछा तो वहीं ओवैसी ने उन्हें अपने कार्यक्षेत्र तक सीमित रहने की सलाह दी।