प्रबंधन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विद्यार्थियों के सपनों को सच करेगा जीएनआईओटी संस्थान समूह

जीएनआईओटी संस्थान समूह मेधावी विद्यार्थियों और कोविड-19 से मृतक आश्रितों को छात्रवृत्ति देगा

मेधावी छात्रों की बौद्धिक प्रतिभा को पहचानते हुए प्रबंधन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के लिए पहली पसंद जीएनआईओटी यानि ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन्स ग्रेटर नोएडा ने 12 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति की घोषणा की है

जयपुर। मेधावी छात्रों की बौद्धिक प्रतिभा को पहचानते हुए प्रबंधन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के लिए पहली पसंद के संस्थान जीएनआईओटी यानि ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन्स ग्रेटर नोएडा ने 12 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति की घोषणा की है। इस छात्रवृत्ति में सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को ध्यान में रखते हुए छात्राओं हेतु जिम्स शक्ति तथा सामाजिक कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 मृतक आश्रित छात्रवृत्ति, सशस्त्र सेना पाल्य छात्रवृत्ति देने के भी प्रावधान हैं। जीएनआईओटी संस्थान समूह का मानना है कि आर्थिक विषमता एक होनहार छात्र के लिए बाधा नहीं होनी चाहिए। जयपुर में हुए एक कार्यक्रम में जीएनआईओटी संस्थान समूह ग्रेटर नोएडा के चेयरमैन राकेश कुमार गुप्ता, डायरेक्टर अरुण कुमार सिंह, सीईओ स्वदेश कुमार सिंह, ग्रुप हैड पंकज कुमार सिंह तथा हैड आउटरीच रंजन अभिषेक ने स्कॉलरशिप प्रोग्राम को लांच किया।

प्रतिभाशाली छात्रों के लिए धन एक रोड ब्लॉक नहीं होना चाहिए: राजेश कुमार गुप्ता

जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों के लिए धन एक रोड ब्लॉक नहीं होना चाहिए, इसलिए हम मेधावी छात्रों, सशस्त्र बलों के बच्चों और कोविड-19 मृतक आश्रितों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों और क्षमता के आधार पर विभिन्न छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक योग्य छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। इसके लिए राजस्थान के विद्यार्थियों के लिए संस्थान में विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रम जैसे पीजीडीएम कोर्स, एमबीए, बीटेक, एमटेक, बीसीए, बीकॉम, बीकॉम (ऑनर्स), बीएससी (कंप्यूटर साइंस) में छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए छात्रों से आवेदन आमंत्रित किए हैं।

गुणवत्ता पर ध्यान देना हमारे समूह की पहचान: अरुण कुमार

जीएनआईओटी संस्थान समूह के निदेशक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि गुणवत्ता पर ध्यान देना शुरू से ही हमारे समूह की पहचान रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम प्रयासों को आधार मानकर पाठ्यक्रम आधारित संस्थान ही लंबे समय तक जीवित रहेंगे। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री 4 पर आधारित पीजीडीएम कोर्स में हमारे संस्थान द्वारा विद्यार्थियों को इंटर्नशिप और प्रशिक्षण के माध्यम से उपयुक्त कौशल और व्यावहारिक अनुभव देकर तैयार किया जाता है। आज हर नियोक्ता यह चाहता है कि युवा प्रबंधकों के पास अनुभव हो और वे अपनी पहली नौकरी पर कार्य के लिए तैयार हो। इसके लिए संस्थान औद्योगिक प्रशिक्षण और लाइव प्रोजेक्ट के अवसर अनिवार्य रूप से प्रदान करता है। सिंह ने बताया कि अब तक 450 से अधिक कंपनियों द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है, जिनमें 17.75 लाख प्रति वर्ष का उच्चतम पैकेज दिया गया है जबकि औसत पैकेज पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष का रहा है।

छात्रवृत्ति पहल बौद्धिक प्रतिभा के लिए बहुत मददगार साबित होगी: स्वदेश सिंह

जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के सीईओ स्वदेश सिंह ने कहा कि राजस्थान के छात्रों को उच्च अध्ययन के लिए समान अवसर दिया जाना चाहिए और वह हमारे संस्थान में उच्च प्राथमिकता पर हैं। परिसर के संबंध में उन्होंने बताया कि संस्थान में अत्याधुनिक प्रयोगशालाए और अन्य शैक्षणिक सुविधाएं हैं। संस्थान में प्रवेश के लिए छात्रवृत्ति पहल पर जोर दिया तो यह राजस्थान की बौद्धिक प्रतिभा के लिए बहुत मददगार साबित होगी। सिंह ने बताया कि बीटेक कार्यक्रमों में प्रवेश करने वाले विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा और जेईई मेंस में उनके प्रदर्शन के आधार पर छात्रवृत्ति की पेशकश की जा रही है जबकि पीजीडीएम और एमबीए में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए स्नातक और कैट, मैट, जेट, गेट आदि में उनके प्रदर्शन के आधार पर छात्रवृत्ति की पेशकश की जा रही है।

युवा प्रबंधकों को वैश्विक रोजगार के लिए तैयार किया जाता है: अरुण कुमार सिंह

पीजीडीएम कोर्स के बारे में विस्तार से निदेशक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि इस कोर्स में 10 से अधिक कौशल विकास प्रशिक्षण और प्रमाणन, गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम और चाणक्य टॉक सीरीज कुछ मुख्य आधार हैं। आज की आवश्यकता के अनुसार पाठ्यक्रम को इस प्रकार विकसित किया गया है जो युवा प्रबंधकों को व्यवसाय प्रबंधन के अलावा उद्यमिता हेतु प्रेरित कर तैयार करता है। इस दिशा में संस्थान ने अटल इनक्यूबेशन सेन्टर, बिमटेक के साथ समझौता किया है, जिसमें भारत सरकार द्वारा नए उद्यमी तैयार किये जाते हैं। इस संस्थान में वैश्विक एक्सपोजर को बढ़ावा देने के लिए एआईबीपीएम, इंडोनेशिया के साथ समझौता किया है, जिसके माध्यम से युवा प्रबंधकों को वैश्विक रोजगार के लिए तैयार किया जाता है।