गूगल और कॉफी हैं इस गांव के लोगों के नाम

गूगल और कॉफी नाम वाला गांव
गूगल और कॉफी नाम वाला गांव

देश में ही ऐसी जगह स्थित है, जहां लोगों के नाम गूगल और कॉफी है। आइए जानते हैं कहां है वो जगह और इससे जुड़ी फुल डिटेल। यह लोग कर्नाटक में रहते हैं। इनकी जनजाति का नाम हिक्की-पिक्की है, जो कि अपने बच्चों के ये नाम रखती है। दक्षिण भारत में स्थित बेंगुलरू के पास कम जाना जाने वाला यह गांव अंग्रेजी, कॉफी, बस, अनिल कपूर, हाई कोर्ट, एलिजाबेथ जैसे कई लोगों का घर है।

यहां तक कि एक गूगल भी है। जापान का एक भतीजा है जिसका नाम हाई कोर्ट है और मैसूर पाक की एक भाभी है जिसका नाम बैंगलोर पाक है। और सुप्रीम कोर्ट, वन बाय टू और अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें कांग्रेस और जनता भी है। इनके नामों को देखकर वास्?तव में लगता है कि इन्?होंने शेक्?सपीयर की किताब ‘नामों में क्?या रखा है’ को कुछ ज्यादा ही सीरियस ले लिया है।

कर्नाटक में रहते हैं ये लोग

गूगल और कॉफी नाम वाला गांव
गूगल और कॉफी नाम वाला गांव

यह लोग कर्नाटक में रहते हैं। इनकी जनजाति का नाम हिक्की-पिक्की है, जो कि अपने बच्चों के ये नाम रखती है। हक्की-पिक्की का अर्थ पक्षी शिकारी होता है, जो कि एक घुमंतू जनजाति है। कुछ अलग नाम रखने की चाह में यहां के लोगों ने बच्चों के नाम गूगल, कॉफी, एलिजाबेथ, मैसूर, अमिताभ और शाहरूख तक रखें हैं। ये नाम दूसरे लोगों को भले ही थोड़े अजीब लग सकते हैं लेकिन इन लोगों को ये नाम बेहद पसंद है।

जीविका के लिए शिकार पर हैं निर्भर

हक्की-पिक्की जनजाति के लोग जीविका के लिए शिकार पर निर्भर हैं। ये लोग देश भर में भ्रमण करके शिकार करते हैं। इन लोगों को कई भाषाएं बोलनी भी आती हैं। इनमें तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम व गुजराती शामिल है। वहीं, इन लोगों की हिंदी पर पकड़ कमजोर है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक इस जनजाति से ताल्लुक रखने वाले लोगों को कोई ऑफिशियल रिकॉर्ड नहीं हैं। इनके पास न ही वोटरआईडी कार्ड है और न ही वोटरआईडी कार्ड है।

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