‘जीरो जीएसटी रिटर्न’ एसएमएस के जरिए दाखिल करने की सुविधा शुरू

जीएसटी GST
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जीएसटी अनुपालन में होगी काफी आसानी

नई दिल्ली । करदाताओं को सहूलियत देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने आज से एसएमएस के जरिए जीएसटीआर-3बी फॉर्म में ‘शून्य जीएसटी मासिक रिटर्न’ दाखिल करने की अनुमति दे दी है।

जीएसटी पोर्टल पर लॉग-इन करने की आवश्यकता नहीं

इससे 22 लाख से भी अधिक उन पंजीकृत करदाताओं को जीएसटी अनुपालन में काफी आसानी होगी जिन्‍हें अब तक साझा पोर्टल पर अपने खाते में लॉग-इन करना पड़ता था और फिर हर महीने अपना रिटर्न दाखिल करना पड़ता था। अब शून्‍य देनदारी वाले इन करदाताओं को जीएसटी पोर्टल पर लॉग-इन करने की आवश्यकता नहीं है और वे केवल एक एसएमएस के माध्यम से ही अपना शून्‍य रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

जीरो जीएसटी रिटर्न केवल एक एसएमएस के माध्यम से ही दाखिल कर सकते हैं

इसके लिए एसएमएस के माध्यम से शून्‍य फॉर्म जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की सुविधा को तत्काल प्रभाव से जीएसटीएन पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया गया है।

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इस तरह से दाखिल किए जाने वाले रिटर्न की ताजा स्थिति को जीएसटीआईएन खाते में लॉग-इन करके और Services>Returns>Track Return Status पर जाकर जीएसटी पोर्टल पर ट्रैक किया जा सकता है। एसएमएस के जरिए शून्‍य रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया इस प्रकार है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘किसी भी सेक्‍टर के लिए जीएसटी दर में कमी करने का निर्णय परिषद को ही लेना है

निर्मला सीतारमण,nirmala sitharaman
निर्मला सीतारमण, nirmala sitharaman

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि कोविड आपातकालीन ऋण सुविधा सिर्फ एमएसएमई को ही नहीं, बल्कि सभी कंपनियों को कवर करती है। फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए सीतारमण ने भारतीय व्‍यवसाय को आवश्‍यक संबल देने और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के उद्देश्‍य से उद्योग जगत को हरसंभव सरकारी सहायता का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा, ‘यदि आपके किसी भी सदस्य को कोई समस्या है, तो हम उसे संबल देने/आवश्‍यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

तरलता या नकदी प्रवाह के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमने तरलता के मुद्दे को अच्‍छी तरह से सुलझा दिया है। निश्चित रूप से नकदी प्रवाह उपलब्ध है। यदि अब भी यह एक मुद्दा है, तो हम इस पर गौर करेंगे।’ श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि प्रत्येक सरकारी विभाग से बकाया राशि अदा करने के लिए कहा गया है और यदि किसी विभाग के साथ कोई समस्या है, तो सरकार इस पर गौर करेगी।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार नए निवेश पर 15% कॉरपोरेट टैक्स दर का लाभ उठाने की समय सीमा बढ़ाने पर विचार करेगी। सीतारमण ने कहा, ‘मैं इस बात पर गौर करूंगी कि क्या किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि उद्योग जगत नए निवेश पर 15% कॉरपोरेट टैक्‍स दर से लाभान्वित हो और मैं 31 मार्च, 2023 की समयसीमा के विस्तार पर विचार करने की आपकी बात को नोट करती हूं।’

वित्त मंत्री ने उद्योग जगत को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय या सेबी की समय सीमाओं से संबंधित अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का सुझाव दिया, ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

अर्थव्‍यवस्‍था के बुरी तरह प्रभावित सेक्‍टरों में जीएसटी दरों में कमी करने की आवश्यकता के संबंध में उन्‍होंने कहा, ‘जीएसटी दर में कमी का मुद्दा परिषद के पास जाएगा। लेकिन परिषद को राजस्व की भी तलाश या चिंता है। किसी भी सेक्‍टर के लिए जीएसटी दर में कमी करने का निर्णय परिषद को ही लेना है।’

वित्त एवं राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने फिक्की के सदस्यों को सूचित किया कि कंपनियों को आयकर रिफंड की भी शुरुआत हो गई है और पिछले कुछ हफ्तों में 35,000 करोड़ रुपये के आईटी रिफंड जारी किए गए हैं।

इस बैठक में आर्थिक कार्य सचिव तरुण बजाज, कॉरपोरेट कार्य सचिव श्री राजेश वर्मा और वित्तीय सेवा विभाग में सचिव देबाशीष पांडा भी उपस्थित थे।

फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी ने वित्त मंत्री को बताया कि कोविड-19 के प्रभावों से निपटने के लिए घोषित किए गए उपायों के कार्यान्वयन में सहयोग देने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के साथ उनका चैम्बर निरंतर संपर्क में है। डॉ. रेड्डी ने कहा, ‘फिक्की आत्‍मनिर्भर भारत के साझा लक्ष्य के साथ-साथ कार्यान्वयन में तेजी लाने में सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’