राज्यपाल शर्त के आधार पर विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी देने को तैयार

यूपीए में कानून मंत्री रह चुके 3 नेताओं ने राज्यपाल को लिखा पत्र

जयपुर। राजस्थान के सियासी संकट के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र 2 बार गहलोत सरकार की अर्जी लौटाने के बाद सोमवार को विधानसभा का सत्र बुलाने को राजी हो गए। हालांकि, उन्होंने शर्त रखी है। राज्यपाल ने कहा है कि सरकार 21 दिन का नोटिस दे तो सत्र बुलाया जा सकता है।

इससे पहले राज्यपाल ने विधानसभा का सत्र बुलाने की फाइल दूसरी बार लौटा दी। न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के बीच विधायकों को सदन में बुलाना मुश्किल होगा।

राज्यपाल ने सरकार से पूछा है कि क्या आप विश्वास मत प्रस्ताव चाहते हैं? इस बात का जिक्र आपके पत्र में नहीं है, लेकिन मीडिया में आप ऐसा ही बोल रहे हैं। साथ ही पूछा कि क्या आप सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस देने पर विचार कर सकते हैं?

दूसरी तरफ स्पीकर सीपी जोशी ने विधायकों के अयोग्यता नोटिस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर पिटीशन सोमवार को वापस ले ली। उनके वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि इस मामले में अभी सुनवाई की जरूरत नहीं। जरूरत पडऩे पर हम दोबारा तैयारी के साथ आएंगे। पायलट खेमे की याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।