किडनियों के लिए प्रकृति का वरदान है अंगूर

किडनी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। हर साल किडनी रोग के चलते कई लोगों की जान जाती है। किडनी का आकार शरीर में बींस की तरह होता है। यह हमारे शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देता है। यह ब्लड सर्कुलेशन, हार्मोंस रिलीज और भोजन को फिल्टर करने का कार्य करता है। इसके साथ ही शरीर में फ्लूइड को बैलेंस रखने का कार्य भी किडमी करता है।

शरीर से यूरिन को बाहर निकालने का कार्य भी किडनी का होता है। एक्सपर्ट की मानें को किडनी डैमेज होने का कारण हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज होता है। इसके साथ ही ज्यादा धूम्रपान करना और अनुवांशिक कारणों से भी हमारे शरीर की किडनी डैमेज हो सकती है। किडनी को स्वस्थ रखने में अंगूर बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है।

किडनी रोगियों को नियमित रूप से अंगूर का सेवन करना चाहिए। अंगूर स्वाद में बहुत ही अच्छा होता है। इसमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो स्वादिष्ट होता है। अंगूर में फाइटोकैमिकल्स (phytochemicals) होता है, जो एक प्लांट कंपोनेट्स है। यह कंपोनेट्स सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इस तत्व की मदद से रक्त वाहिकाओं को आराम मिलता है। साथ ही इंफ्लामेशन की समस्या कम होती है। अंगूर फ्री रेडिकल्स के ऑक्सिडेशन का कार्य करता है, जो किडनी के लिए बहुत ही जरूरी है।

अंगूर किडनी से जुड़ी लगभग सभी समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। सामान्य लोगों की तुलना में किडनी रोगियों को कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और इंफ्लामेशन का खतरा अधिक रहता है। अंगूर में पाए जाने वाले फाइटोकैमिकल्स तत्व किडनी कैंसर से बचाव करने में हमारी मदद करते हैं। इसके साथ ही यह तत्व नर्व डिजनरेशन से हमारी रक्षा करते हैं, जो बढ़ती उम्र के लोगों को होने वाली बहुत ही आम समस्या है।

कई रिसर्च में देखा गया है कि भारतीय को किडनी से जुड़ी समस्या का प्रमुख कारण डायबिटिक नेफ्रोपैथी है। अंगूर के बीज में पाए जाने वाले एक्सट्रेक्ट और अंगूर में पाए जाने वाले कंपोनेंट रेस्वेट्रॉल किडनी की बीमारियों से बचाव करने में हमारी मदद करते हैं। नेशनल किडनी फाउंडेशन के मुताबिक, किडनी हेल्थ को ग्रेप्स जूस पीकर इंप्रूव किया जा सकता है।

मोटापे के शिकार लोगों को किडनी से जुड़ी बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि ऐसे लोगों किडनी में कॉपर की कमी हो सकती है। अंगूर के छिलके और बीज में कॉपर और एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में होता है, जो किडनी में होने वाली परेशानियों को रोक सकता है।

लगभग 50% रोगी किडनी में खून की अपर्याप्ता के कारण एक्यूट रेनल फेलियर के शिकार हो जाते हैं। इस समस्या को इस्किमिया के रूप में जाना जाता है। अंगूर में एंटीइंफ्लमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो यौगिक रेस्वेट्रॉल इस्किमिया के कारण होने वाले नुकसान को कम करने में हमारी मदद करते हैं।