नेशनल कन्वेंशन में हैरिस को अधिकारिक तौर पर उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया गया

वाशिंगटन। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में बुधवार को भारतीय मूल की कमला हैरिस को आधिकारिक तौर पर उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया गया। हैरिस ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के ऐक्सैप्टैंस स्पीच में अपनी मां को याद किया। उन्होंने कहा- मेरी मां ने मुझे सिखाया है कि दूसरों की सेवा से ही जीवन का मकसद हासिल होता है। न्याय के लिए लडऩा सभी की साझा जिम्मेदारी होती हैं। काश आज वे यहां होतीं।

हैरिस ने आगे कहा- मुझे पता है कि मेरी मां ऊपर से मुझे देख रही होंगी। शायद उन्होंने कभी भी नहीं सोचा होगा कि मैं यहां आप लोगों के सामने खड़े होकर ऐसे बात करूंगी। मै अमेरिकी के राष्ट्रपति के तौर पर आपका नॉमिनेशन एक्सैप्ट करती हूं।

ट्रम्प नेतृत्व करने में नाकाम रहे – हैरिस

हैरिस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प देश का नेतृत्व करने में नाकाम रहे हैं। उनकी वजह से देश में लाखों नौकरियां और जिंदगी खत्म हो गई है। देश में आज भी नस्लवाद जैसी समस्या मौजूद हैं। देश इससे बंटा हुआ महसूस कर रहा है। नस्लवाद को खत्म करने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। हमें ही इसके लिए काम करना होगा। पुलिस के हाथों मारे गए अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड, उनके जैसे कई लोगों और हमारे बच्चों के लिए हमें इसके खिलाफ एकजुट होना होगा।

बिडेन के लिए वोट करने की अपील की

हैरिस ने कहा कि देश को मौजूदा समस्याओं से बाहर निकालने की उम्मीदों के लिए वोट करना होगा। लोगों को बिडेन को राष्ट्रपति बनाने के लिए वोट करना चाहिए। पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन का विजन एक ऐसा अमेरिका बनाना है जहां कोई भेदभाव नहीं होगा। सभी लोगों का स्वागत किया जाएगा। उनसे इस बात पर भेदभाव नहीं किया जाएगा कि वे कैसे दिखते हैं, कहां से आए हैं और किससे प्यार करते हैं।

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हैरिस उपराष्ट्रपति चुनाव लडऩे वाली पहली भारतवंशी महिला

हैरिस देश की पहली ऐसी भारतवंशी और अश्वेत अमेरिकन एशियन महिला हैं जो उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी। इससे पहले 2008 में रिपब्लिकन पार्टी ने सारा पैलिन को और 1984 में डेमोक्रेटिक पार्टी ने गिरालडिन फेरारो को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन दोनों ही चुनाव हार गई थीं। दोनों प्रमुख अमेरिकी पार्टियों ने अब तक किसी भी अश्वेत महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनाया है। अब तक अमेरिका में कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बन सकी है।