क्या आपने कराया है हेल्थ इंश्योरेंस, गंभीर बीमारी पर एक मुश्त मिलेगा भुगतान

हेल्थ इश्योरेंस
हेल्थ इश्योरेंस

नई दिल्ली। यदि आपने हेल्थ इंश्यारेंस नहीं कराया है तो जल्द करा लें, क्योंकि हम आपको बता दें कि गंभीर बीमारी पर आपको मिलेगा एक मुश्त भुगतान। यदि आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताएंगे इसका सरल तरीका। हेल्थ इंश्योरेंस एक प्रकार का इंश्योरेंस होता है, जिसमें कंपनी की ओर से किसी व्यक्ति के साथ एक निश्चित समय के लिए उसके हॉस्पिटल में भर्ती होने, दवाइयों और डॉक्टर से परामर्श का खर्च उठाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है। इसके बदले में व्यक्ति द्वारा कंपनी को एक मासिक प्रीमियम का भुगतान किया जाता है। आमतौर पर ये एक साल को होता है, जिसके बाद इसे रिन्यू किया जाता है।

मेडिक्लेम प्लान

हेल्थ इश्योरेंस
हेल्थ इश्योरेंस

यह एक बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान होता है। इसमें हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर किसी भी व्यक्ति के हॉस्पिटल में भर्ती होने के दौरान हुए खर्च को एक सीमा तक कवर किया जाता है।

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान के अंतर्गत गंभीर और ऐसी बीमारियों कवर किया जाता है, जो कि जीवन के लिए खतरा होती हैं। यह मेडिक्लेम प्लान से काफी अलग होता है। इसमें कंपनी हॉस्पिटल बिल आदि का भुगतान नहीं करती है। जब भी जांच आदि कराने पर आपको गंभीर बीमारी का पता लगता है तो इंश्योरेंस कंपनी की ओर से आपके चुने हुए प्लान के मुताबिक एकमुश्त भुगतान कर दिया जाता है।

इसकी प्रक्रिया क्या है?

आप अपनी पॉलिसी को नवीनीकरण या रिन्यूवल के समय या उसके आसपास पोर्ट कर सकते हैं। इसे नवीनीकरण के समय से 45 दिन पहले शुरू किया जाना चाहिए। अपनी पॉलिसी को पोर्ट करने के लिए, आपको पोर्टेबिलिटी फॉर्म के अलावा एक नया प्रपोजल फॉर्म भी जमा करना होगा। एक बार जब नया बीमाकर्ता आपका पोर्टेबिलिटी अनुरोध प्राप्त कर लेता है, तो वे आपकी चिकित्सा और क्लेम्स के इतिहास को जानने के लिए मौजूदा बीमाकर्ता से संपर्क करेंगे। नया बीमाकर्ता अपने मौजूदा मानदंडों के अनुसार प्रतिबंधित कवरों को स्वीकार, प्रस्तावित या अनुरोध के आधार को अस्वीकार कर सकता है।

कौन से दस्तावेज आवश्यक होते हैं?

  • प्रपोजल फॉर्म
  • पोर्टेबिलिटी फॉर्म
  • पहचान प्रमाण
  • पते का प्रूफ
  • क्लेम हिस्ट्री
  • मेडिकल हिस्ट्री

यह भी पढ़ें : सूडान में फंसे राजस्थानियों के लिए कोटा के भानु बने मददगार