जो हिंसा न करे वही हिंदू है : आचार्य सुंदर

बांसवाड़ा। मंदारेश्वर मार्ग स्थित गौशाला में आचार्य सुंदर सागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि जो हिन्दुस्तान में रहता है और हिंसा नहीं करता है वही हिन्दू है। जिस समय देश में घी-दूध की नदियां बहती थी उसके मूल में जीव दया और शाकाहार प्रमुख कारण रहे। इसीलिए हमें हिंसा का त्याग कर समृद्धि की ओर बढऩा होगा। दरअसल मंदारेश्वर मार्ग स्थित गौशाला में गोपाष्टमी के उपलक्ष्य में आयोजित धर्मसभा में उन्होंने अपना संबोधन दिया।

आचार्य ने बताया कि मां का दूध पीने से बच्चे को पौष्टिक आहार मिलता था, लेकिन धीरे-धीरे मां के दूध से गाय के और गाय से पाउडर के दूध पर आ गए हैं। आचार्य ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है, जवान और किसान रक्षा करते हैं तो साधु धर्म बढ़ाने के लिए धर्मोपदेश देते हैं। आचार्य सुंदर सागर महाराज के सानिध्य में शाकाहार का संकल्प लिया। उन्होंने 10 दिसम्बर को होने वाली भव्य जैनेश्वरी दीक्षा में सम्मिलित होने के लिए गौ भक्तों को आमंत्रण भी दिया।

गौशाला सचिव भुवन मुकुंद पंड्या, संचालन नीरज पाठक ने किया जबकि आभार गौशाला अध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने माना। इस अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसेडर डॉ. रक्षा सराफ ने गौशाला में गौ माताओं के पौष्टिक आहार के लिए गौ कैलेन्डर का विमोचन आचार्य सुंदर सागर महाराज के हाथों करवाया।

कार्यक्रम में मौजूद जैन समाज के मनोज किकावत, हेमंत कलावत, धर्मेंद्र वोरा, सुनील नश्रावत, जयेश रजावत, नीरज रजावत, रमेश रजावत, मगनलाल नश्रावत, महावीर नश्रावत, महेन्द्र, पूजा दीदी, धर्मेंद्र वोरा, भुआजी आदि ने 5100 से लेकर 2100 रुपये तक हाथो-हाथ गौशाला विकास के लिए दान दिए। क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने 11 हजार रुपए, मुम्बई के आरके जैन ने 5100 रुपए, श्री रामचरित मानस मंडल की ओर से 5 हजार 1 रुपये, 10 दिसम्बर को होने वाली जैनेश्वरी दीक्षा के दीक्षार्थियों की ओर से 11 हजार रुपये, मयंक योगेश पाठक की ओर से 5 हजार रुपये प्रदान किए।

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