CBI केस में सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई 21 मार्च को

manish sisodia

ईडी की हिरासत पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ईडी हिरासत की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। ईडी ने अपनी अर्जी में मनीष सिसोदिया की 10 दिन की हिरासत की मांग की है। कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी।सीबीआई से जुड़ी जमानत याचिका पर कोर्ट 21 मार्च को सुनवाई करेगा। आज पेशी के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि मनीष सिसोदिया के सचिव ने बयान दिया है कि मनीष सिसोदिया के कहने पर ही मुनाफा बढ़ाया गया और नियमों में बदलाव हुआ। विजय नायर पूरी साजिश को अंजाम दे रहा था। सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

ईडी ने कहा कि बुची बाबू ने बताया कि मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के. कविता के बीच राजनीतिक तालमेल था। कविता ने विजय नायर से मुलाकात की थी। मनीष सिसोदिया के इशारे पर ही विजय नायर टेलीग्राम ऐप पर बुची बाबू से बातचीत करते थे। ईडी ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने कुछ खास पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए आबकारी नीति में बदलाव किया। बड़े व्यापारियों को विशेष छूट दी और आबकारी कारोबार को निजी हाथों में सौंप दिया।

ईडी ने कहा कि सिसोदिया के सचिव ने अपने बयान में कहा कि उसके नाम पर सिम कार्ड और फोन का इस्तेमाल किया गया। उन डिजिटल साक्ष्यों को नष्ट करने का मकसद जांच को भटकाना था। मनीष सिसोदिया ने एक साल के भीतर 14 फोन को नष्ट किये दूसरे के नाम पर सिम कार्ड और फोन खरीदे

पेशी के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट से कहा कि किसी तरह की नीति बनाना चुनी हुई सरकार का अधिकार है नीति कई विभागों से गुजरती है नीति को केंद्र सरकार उप-राज्यपाल ने मंजूरी दी उप-राज्यपाल की आपत्तियों में 12 फीसदी कमीशन का जिक्र नहीं है ईडी के हिसाब से नीति दोषपूर्ण है, ऐसे में मनी लांड्रिंग का मामला नहीं बनता है