राज्यपाल राहत कोष से मिले हर एक जरूरतमंद को मदद : राज्यपाल

राज्यपाल राहत कोष सलाहकार समिति के सदस्यों की बैठक ऑनलाइन आयोजित

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्यपाल राहत कोष का उद्देश्य सिर्फ धन संग्रहण ही नहीं है बल्कि ऐसे जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करना है, जिन्हें अन्य कहीं से भी किसी प्रकार की कोई सहायता प्राप्त नहीं हो पाती है।

राज्यपाल मिश्र राज्यपाल राहत कोष की सलाहकार समिति के सदस्यों की बैठक में सोमवार को यहां राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकाधिक पात्र लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से राज्यपाल राहत कोष का दायरा बढ़ाया गया है। अब इसके माध्यम से अकाल, बाढ़, दुर्घटना, प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की सहायता, महामारी में औषधि व उपकरण के लिए सहायता, गंभीर रोगियों को इलाज के लिए एक मुश्त सहायता, भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों को गंभीर बीमारी में सहायता के साथ विपदा-ग्रस्त स्थितियों में असहाय बालक-बालिकाओं की चिकित्सा, भोजन व रख-रखाव के लिए भी मदद प्रदान की जा रही है।

ऑनलाइन उपस्थित भामाशाहों द्वारा राज्यपाल राहत कोष में दिए जाने वाले दान को सीएसआर गतिविधियों में शामिल करवाने का सुझाव आया, इस पर सकारात्मक दृष्टि से कार्य किए जाने के सम्बन्ध में भी बैठक में विचार किया गया। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि जरूरतमंदो को आर्थिक सहायता के साथ ही अन्य स्तरों पर मदद पहुंचाने के कार्य इस कोष के जरिए अब संभव हो रहे हैं। कोविड के दौर में भी जरूरतमंदों की मदद करने में राज्यपाल राहत कोष की प्रभावी भूमिका रही है। इसी के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में राज्यपाल राहत कोष से कोरोना पीडि़तों के टीकाकरण हेतु 2 करोड़ रुपए की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष में दी गई। कोरोना योद्धाओं और आमजन को भी विभिन्न प्रकार से मदद पहुंचाई गई है।

उन्होंने राज्यपाल राहत कोष में आर्थिक सहयोग देने वाले सभी भामाशाहों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि कोष के संग्रहण में गत दो वर्षों में आशातीत वृद्धि हुई है। वर्ष 2020-21 में इस कोष में 54 लाख रुपए का धन संग्रहण हुआ, जो वर्ष 2021-22 में माह सितम्बर 2021 तक बढ़कर 1 करोड़ 85 लाख रुपए तक हो गया है।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि समिति के सदस्यो के सुझावों के आधार पर राज्यपाल राहत कोष में दान को 50 प्रतिशत कर छूट के बजाय सौ प्रतिशत कर छूट की श्रेणी में लाने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल राहत कोष का डिजिटलाइजेशन कर दान देने की प्रक्रिया सरल बनाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। इसके लिए कोष के बैंक खाते में ऑनलाइन दान राशि जमा कराने हेतु सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। ऐसा होने पर दानदाता को ऑनलाइन दान की रसीद सिस्टम द्वारा स्वत: रियल टाइम बेस पर जनरेट होकर प्राप्त हो जाएगी।

राज्यपाल मिश्र ने आह्वान किया कि सभी सदस्य अपने संपर्कों से देश-विदेश में बसे प्रवासी राजस्थानियों के माध्यम से कोष के लिए अधिकाधिक धन संग्रहण करवाने में सहयोग करें ताकि जरूरतमंदों को पर्याप्त मदद प्रदान की जा सके। राज्यपाल के आह्वान पर समिति के सदस्य एवं मुम्बई निवासी कंस्ट्रक्शन व्यवसायी सुखराज नाहर ने 21 लाख रुपए तथा बैठक में उपस्थित अन्य सदस्यों ने 5-5 लाख रुपए की राशि राज्यपाल राहत कोष में देने की घोषणा की।

प्रवासी राजस्थानी बोले, राज्यपाल मिश्र के कार्यभार संभालने से राहत कोष में आई सक्रियता बैठक में उपस्थित समिति सदस्य एवं सीजी कॉर्प ग्लोबल के प्रबंध निदेशक वरुण चैधरी ने कहा कि राज्यपाल श्री मिश्र के कार्यभार संभालने के बाद राज्यपाल राहत कोष की गतिविधियों में काफी सक्रियता एवं निरंतरता आई है।

मुम्बई से जुड़े मेहता समूह के चेयरमैन राकेश मेहता ने विभिन्न देशों में फैली प्रवासी राजस्थानियों की संस्थाओं को साथ जोडऩे का सुझाव दिया। सुखराज नाहर एवं चेन्नै से जुड़े एन. सुभाष चन्द्र जैन ने राज्यपाल राहत कोष के माध्यम से किए जा रहे सहायता कार्यों की सराहना करते हुए कोष की गतिविधियों में विस्तार के लिए आवश्यक सुझाव दिए। इस दौरान राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल सहित राजभवन के अधिकारीगण ऑनलाइन उपस्थित रहे।

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