हे छठ मइया… नहाय-खाय के साथ छठ पूजा शुरू

छठ पूजा
छठ पूजा

चार दिवसीय पर्व, जानें यह कठिन व्रत रखने के नियम

नई दिल्ली। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का आयोजन किया जाता है। छठ पर्व भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक है, जो 4 दिन तक चलता है। इस पर्व में 36 घंटे निर्जला व्रत रख सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है और उन्हें अघ्र्य दिया जाता है। यह व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए भी किया जाता है। महिलाओं के साथ पुरुष भी यह व्रत करते हैं। कार्तिक माह की चतुर्थी पर नहाय-खाय होता है, इसके बाद दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। ऐसे में इस वर्ष छठ पूजा रविवार, 30 अक्टूबर को है। मान्यता के अनुसार छठ पूजा और व्रत परिवार की खुशहाली, स्वास्थ्य और संपन्नता के लिए रखा जाता है। चार दिन के इस व्रत पूजन की कुछ विधाएं बेहद कठिन होती हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख 36 घंटे का निर्जला व्रत है।

छठ पूजा तिथि

छठ पूजा
छठ पूजा

28 अक्टूबर, शुक्रवार-नहाय खाय
29 अक्टूबर, शनिवार-खरना
30 अक्टूबर, रविवार – डूबते सूर्य को अघ्र्य
31 अक्टूबर, सोमवार- उगते हुए सूर्य को अघ्र्यछठ पूजा

मुहूर्त

छठ पूजा
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कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि प्रारंभ : 30 अक्टूबर 2022, सुबह 05:49
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त : 31 अक्टूबर 2022, सुबह 03:27
सूर्यास्त का समय: सायं 5:37 परछठ के व्रत में इन

नियमों की न करें अनदेखी

छठ पूजा
छठ पूजा

छोटे बच्चों को पूजा का कोई भी सामान छूने नहीं दें।
जब तक पूजा पूर्ण न हो जाए बच्चे को तब तक प्रसाद न खिलाएं।
छठ पूजा के समय व्रती या परिवार के सदस्यों के साथ कभी भी अभद्र भाषा का उपयोग न करें।
जो भी महिलाएं छठ मैय्या का व्रत रखें, वह सभी चार दिनों तक पलंग या चारपाई पर न सोते हुए जमीन पर ही कपड़ा बिछाकर सोएं।
छठ पर्व के दौरान व्रती समेत पूरा परिवार सात्विक भोजन ग्रहण करें।
पूजा की किसी भी चीज को छूने से पहले हाथ अवश्य साफ कर लें। छठ मैय्या का व्रत रखने वाले अघ्र्य देने से पहले कुछ न खाएं।
छठ पूजा के दिनों में गलती से भी फल न खाएं।
इस पर्व के दौरान सूर्यदेव को अघ्र्य देने के लिए तांबे या कांसे का बर्तन उपयोग में लाएं।
छठ का प्रसाद बनाने के लिए ऐसी जगह चुनें, जहां पहले खाना न बनता हो।
छठ पूजा के दौरान स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

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