होम्योपैथिक चिकित्सकों ने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को सौपा ज्ञापन

विगत काफी समय से राजस्थान सरकार में होम्योपैथी के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ राज्य भर में जहां होम्योपैथिक चिकित्सक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पत्र लिखकर विरोध दर्ज करवा रहे हैं। वहीं बाड़मेर में भी होम्योपैथी चिकित्सकों ने जिले के सभी जनप्रितिनिधियों से मिलकर वर्तमान बजट में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को ग्रामीणों तक पहुंचाना, प्रत्येक पंचायत स्तर पर स्थित पीएचसी, सीएचसी, आयुर्वेदिक औषधालयो में आयुर्वेदिक चिकित्सकों के साथ होम्योपैथिक चिकित्सकों के पद सृजित करने की गुहार की है। राजस्थान सरकार द्वारा होम्योपैथिक, आयुर्वेद एवं यूनानी को मिलाकर आयुष विभाग तो जरूर बनाया गया लेकिन सारे काम आयुर्वेद के नाम ही होते हैं। रोजगार भी 80% आयुर्वेद चिकित्सकों को दिया जाता है। राजस्थान में समस्त आदर्श पीएचसी पर केवल आयुर्वेदिक चिकित्सकों को ही जगह दी गई है। हाल ही में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की 7000 से भी ज्यादा भर्तियों में आयुर्वेद को ही स्थान दिया गया परंतु होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सकों को वंचित रखा गया। वहीं 480 आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की अलग से भी भर्ती निकाली गई। परंतु अभी तक होम्योपैथी की कोई भर्ती नहीं निकाली गई है। यह सरकार की मंशा पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। 

होम्योपैथी विश्व की दूसरी चिकित्सा पद्धति – होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति संपूर्ण विश्व में एलोपैथी के बाद दूसरे नंबर पर आती है। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति चर्म रोग, पाइल्स, माइग्रेन, पथरी इत्यादि अनेकों बीमारियों में कारगर है। कई बार होम्योपैथी दवाइयो के उपयोग से ऑपरेशन से होने वाला खर्चा भी बच जाता है। इतना ही नहीं कोरोना महामारी के दौरान भी होम्योपैथी ने अपना लोहा मनवाते हुए लोगों को संक्रमण से बचाया है। होम्योपैथी अन्य चिकित्सा पद्धतियों की तुलना में सस्ती, लेने में सरल व दुष्प्रभाव रहित है जिसकी वजह से होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति जनता में लोकप्रिय है।

ग्रामीण क्षेत्रों में होम्योपैथिक चिकित्सा का अभाव – विश्व में दूसरा स्थान रखने वाली होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति दुर्भाग्यवश ग्रामीणों से बहुत दूर है। मानव सेवा के लिए बनी इस चिकित्सा पद्धति का आम-जन तक पहुंचना बहुत आवश्यक है। जिससे कि होम्योपैथी चिकित्सा सेवा सभी ग्रामीणों को मिल सके। बाड़मेर में जहां आयुर्वेद चिकित्सकों के 135 के लगभग पद हैं तो वहीं होम्योपैथ चिकित्सकों के केवल 4 ही पोस्ट है। जिसमे से 2 पोस्ट खाली चल रही हैं। बाड़मेर में होम्योपैथी चिकित्सकों ने जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, जिला विधायक मेवाराम जैन, जिला कलेक्टर विश्राम मीणा, कोंग्रेस युवा नेता आज़ाद सिंह राठौर, कोंग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खान एवं शहर के तमाम जनप्रतिनिधियों से मिलकर होम्योपैथी के लिए आवाज उठाने हेतु गुहार की।

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वहीं रविवार को राजस्व मंत्री हरीश चौधरी जी से भी मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंप होम्योपैथी को आम जन तक पहुंचाने, होम्योपैथी के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त करने, एव राज्य की प्रत्येक PHC CHC और आयुर्वेद औषधालयों पर होम्योपैथी चिकित्सकों के पद सृजित करने के लिए मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखने की अपील की जिससे ग्रामीणों में होम्योपैथी चिकित्सा आसानी से उपलब्ध हो सके।