आपके ईर्द-गिर्द कितने नेगेटिव लोग, ऐसे कर सकते हैं पहचान

निगेटिव
निगेटिव

दूसरों के प्रति जलन, ईष्र्या और द्वेष के चलते कुछ लोग धीरे धीरे नकारात्मक होने लगते है। उनके इस निगेटिव रवैये का प्रभाव हमारे आसपास के वातावरण पर भी देखने को मिलता है। ये लोग जब भी किसी से बात करते है, तो सिर्फ दूसरों की कमियों और उनकी गलतियों को प्वाइंट आउट करते हैं। खुद को सर्वश्रेष्ठ समझने वाले ये लोग आसपास के माहौल को अपने विचारों से धीरे धीरे दूषित करने लगते हैं। उसका असर इनके परिवार के बाकी सदस्यों और ऑफिस क्लीग्स पर भी पड़ता है। कई मामलों में ये अपनी फज़ीहत भी करवाते हैं। मगर आचरण में बदलाव नहीं ला पाते। इन आसान तरीको से आप भी जान सकती है, क्या आप वाकई नकारात्मक लोगों से घिरी हुई है।

खामियां निकालना

खामियां निकालना
खामियां निकालना

नेगेटिव लोगों हमेशा दूसरे लोगों में खामियां निकालते रहते है। उनका आधे से ज्यादा दिन इसी में निकल जाता है। वे अपना खाली समय दूसरों को कोसने और उन्हें प्वाइंट आउट करने में निकालते हैं।

पोक करने की आदत

ऐेसे लोग दूसरे लोगों को खरी-खोटी सुनाने के बस बहाने ढूंढते हैं। हर बात में ताने मारना, उनकी गलतियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना उन्हें अच्छा लगता है।

दूसरों पर नजर रखना

दूसरों पर नजर रखना
दूसरों पर नजर रखना

नेगेटिव लोग हर वक्त कान लगाकर दूसरे लोगों की बातों सुनने की कोशिश करते रहते हैं। फिर उन बातों से बातें निकालकर लोगों को बताते हैं।

ओवर रिएक्ट करना

जो लोग दूसरों से जलते है या जिनका व्यवहार नकारात्मक होता है, वे हर छोटी बात पर रिएक्ट करते हैं। ग्रुप के अन्य लोगों को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे लोग विश्वास के पात्र नहीं होते हैं। दूसरों की पूरी बात सुनने से पहले खुद का रिएक्शन देना इन लोगों की आदत होती है।

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