फिल्म शेरनी में किस तरह राजनीति की जाती है, बड़े ही सटीक तरीके से दिखाया गया है, विद्या बालन ने निभाया है बखूबी किरदार

राजनीति एक ऐसा खेल है जो किसी भी मुद्दे पर खेला जा सकता है। फिल्म शेरनी में शेरनी एक मुद्दा और पूरी फिल्म में उस पर किस तरह राजनीति की जाती है, बड़े ही सटीक तरीके से दिखाया गया है। जो लोग इस फिल्म के नाम से भ्रमित होकर यह सोच रहे हैं कि विद्या बालन ऐसी फॉरेस्ट ऑफिसर के रूप में नजर आएंगी, जो कई विलन्स को एक साथ मारेंगी।

लेकिन, उन्हें इस फिल्म को देखकर निराशा होगी, क्योंकि पूरी फिल्म में कोई हीरोइक एक्ट नहीं है। हां विद्या का किरदार तेज-तर्रार जरूर है, पर उनका किरदार भी असल दुनिया के उन अच्छे लोगों की तरह है, जो कई बुरे लोगों से घिरे हुए रहते हैं। ऐसे लोग करना तो बहुत कुछ चाहते हैं, पर समाज में उन्हें दबा दिया जाता है। कुल मिलाकर उनके किरदार को कोई एक्सट्रा ऑर्डिनरी नहीं दिखाया गया है और ऐसा इसलिए क्योंकि यहां कहानी को सच्चा रखना जरूरी था।

निर्देशक अमित वी. मसुरकर इससे पहले फिल्म न्यूटन लेकर आए थे। यह फिल्म भी काफी हद तक उसी तरह है। यहां भी आपको जंगल, सरकारी ऑफिस और भ्रष्ट लोगों से लड़ता एक सरकारी मुलाजिम नजर आएगा। न्यूटन की तरह ही शेरनी में भी समाज की कुछ कड़वी सच्चईयों और बुराईयों पर कटाक्ष किया गया है। इस तरह की फिल्म बनाने का फैसला करना ही अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है।

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