पाकिस्तानी सीमा पर सितंबर तक खत्म होगी वायुसेना की ”स्वॉर्ड आर्म्स” स्क्वाड्रन

वायुसेना
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एलसीए तेजस को दी जाएगी कश्मीर सेक्टर की एयर डिफेंस, इंटरसेप्शन, डीसीए की जिम्मेदारी

पिछले दस साल में रूसी एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की सात दुर्घटनाओं में गई 56 लोगों की जान

नई दिल्ली । बालाकोट स्ट्राइक के दौरान अहम भूमिका निभाने वाली स्क्वाड्रन ”स्वॉर्ड आर्म्स” को वायुसेना ने रिटायर करने का फैसला लिया है। सितम्बर, 2022 के अंत तक श्रीनगर स्थित इस स्क्वाड्रन को पूरी तरह खत्म किया जाएगा। उसके बाद वर्ष 2025 तक यह बेड़ा पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। श्रीनगर से मिग-21 के रिटायर होने के बाद एलसीए तेजस को कश्मीर सेक्टर की एयर डिफेंस, इंटरसेप्शन, डीसीए की जिम्मेदारी दी जाएगी।

यह निर्णय पुराने लड़ाकू विमानों से जुड़ी हालिया घटनाओं के बीच आया है, क्योंकि जनवरी, 2021 से छह दुर्घटनाओं में कई पायलटों की मौत हो चुकी है। ताजा दुर्घटना पाकिस्तान के साथ पश्चिमी सीमा के करीब गुरुवार की रात राजस्थान के बाड़मेर में हुई, जहां वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-21 क्रैश होने के बाद एक बार फिर रूसी विमानों पर सवाल उठे हैं।

विमान मिग-21

सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 14 लोगों की मौत भी रूसी हेलीकॉप्टर एमआई-17वी 5 के ही दुर्घटनाग्रस्त होने पर हुई थी। वायुसेना, सेना और नौसेना ने पिछले 10 सालों में 60 से अधिक विमान और हेलीकॉप्टर खो दिए हैं। इन दुर्घटनाओं में 84 से अधिक जवान भी शहीद हुए हैं। वायुसेना ने हर दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के आदेश दिए लेकिन जांच के नतीजों का पता नहीं चला है। गुरुवार की रात को राजस्थान के बाड़मेर में फिर मिग-21 ने दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिनमें दो पायलट बलिदान हो गए। दस साल में रूसी एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की सात दुर्घटनाओं में 56 लोगों की जान जा चुकी है।

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पुराने विमानों से जुड़ी हाल की दुर्घटनाओं के बीच भारतीय वायु सेना ने 30 सितंबर तक मिग-21 बाइसन विमान से युक्त श्रीनगर हवाई अड्डे से 51 स्क्वाड्रन को सेवानिवृत्त करने का फैसला लिया है। इस स्क्वाड्रन से 2025 तक सभी विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। श्रीनगर से मिग-21 के रिटायर होने के बाद एलसीए तेजस को कश्मीर सेक्टर की एयर डिफेंस, इंटरसेप्शन, डीसीए की जिम्मेदारी दी जाएगी। वायु सेना की श्रीनगर स्थित मिग-21 बाइसन की इस स्क्वाड्रन (51) को अभी तक ”स्वॉर्ड आर्म्स” के नाम से जाना जाता था। इस स्क्वाड्रन की पहचान पाकिस्तान के हवाई हमले को नाकाम करने में भी रही है।

फरवरी, 2019 में बालाकोट हवाई हमले के बाद के अभियानों में इसी स्क्वाड्रन ने अहम भूमिका निभाई थी। पाकिस्तानी वायु सेना के एफ-16 विमान को मार गिराने के लिए इसी स्क्वाड्रन को जाना जाता है। वायु सेना के पास मिग-21 बाइसन की सिर्फ 3 स्क्वाड्रन ही बची हैं, जिनमें से हर साल एक-एक स्क्वाड्रन को सेवानिवृत्त किया जाएगा और यह बेड़ा पूरी तरह से वर्ष 2025 तक खत्म हो जाएगा। 1960 के दशक की शुरुआत में शामिल होने के बाद से अब तक लगभग 200 विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर खत्म हो चुके हैं।