उज्जैन जा रहे हैं तो यहां जाना ना भूलें

उज्जैन
उज्जैन

जब बात घूमने की आती है तो कोई भी व्यक्ति ऐसी जगह जाना चाहता है जहां आध्यात्मिक आनंद लेने का भी मौका मिले और कुछ एडवेंचर का भी लुत्फ़ उठा सकें। महाकाल की नगरी यानी उज्जैन भी कुछ ऐसी ही जगह है। शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन मध्य प्रदेश के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। लेकिन इस शहर की खूबसूरती जिस कदर भारत भर में प्रचलित है ठीक उसी तरह शहर के आसपास कुछ ऐसी जगहें हैं जो घूमने के लिहाज से बेहतरीन स्थान है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर

उज्जैन
उज्जैन

श्री महाकालेश्वर मंदिर को महाकाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। काल शब्द के दो अर्थ हैं – समय और मृत्यु। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव मृत्यु और काल के देवता हैं और इसी कारण उन्हें महाकालेश्वर कहा जाता है। यह मंदिर उज्जैन में पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।

उज्जैन में महाकाल मंदिर में श्री महाकाल लोक कॉरिडोर भी एक मुख्य आकर्षण है। यह 900 मीटर से अधिक पुराना रुद्रसागर झील से घिरा हुआ है। महाकाल लोक में 108 स्तंभ, लगभग 200 मूर्तियां और शिव की कहानियों को प्रदर्शित करने वाले कई तरह के चित्र देख सकते हैं। रात में इस मंदिर की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है।

राम घाट

यह सबसे पुराने स्नान घाटों में से एक है। यहां भव्य कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। यहां पर रोजाना शाम में 8 बजे आरती होती है, श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ होती है।

हरसिद्धि माता मंदिर

उज्जैन में रुद्र सागर झील के पास स्थित हरसिद्धि माता मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। शिव पुराण के अनुसार, यह वह स्थान है, जहां माता सती के अंग गिरे थे, जब भगवान शिव ने देवी सती के जलते हुए शरीर को बलि की आग से उठाया था।

इस मंदिर का निर्माण मराठों द्वारा किया गया था। आप यहां दीयों से सजाए गए दो स्तंभों पर मराठा कला देख सकते हैं। नवरात्रि पर मंदिर को फूलों से बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है, जो देखने लायक है।

सांदीपनि आश्रम

शिप्रा नदी के तट पर संदीपनी आश्रम स्थित है। माना जाता है कि यह वह आश्रम है जहां गुरु सांदीपनि ने भगवान कृष्ण, उनके मित्र सुदामा और भाई बलराम को शिक्षा दी थी। इस आश्रम के पास एक पत्थर भी है, इस पर 1 से 100 तक की संख्या देखने को मिलती है । माना जाता है कि गुरु सांदीपनि ने स्वयं इसे खुदा था।

चिंतामन गणेश

यह मंदिर उज्जैन में भगवान गणेश को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं और 12वीं शताब्दी में हुई थी। यह उज्जैन में भगवान गणेश का सबसे बड़ा मंदिर है ।

गोपाल मंदिर

गोपाल मंदिर को द्वारकाधीश मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, यह उज्जैन में बिग मार्केट स्क्वायर के बीच में स्थित है। महाकालेश्वर मंदिर के बाद यह शहर का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर में चांदी से मढ़ी भगवान कृष्ण की दो फुट ऊंची संगमरमर की मूर्ति है।

यह भी पढ़ें : सरकार ध्यान दे तो जोधपुर का हो कायाकल्प