आईएमएफ की एमडी का दावा, एशियाई देश ने पैदा किए रोजगार के नए अवसर

आईएमएफ
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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने इसी हफ्ते भारत के ग्रोथ अनुमान को घटा कर 6 प्रतिशत से भी नीचे ला दिया है। अब आईएमएफ ने अपने इस कठोर कदम के कारणों का भी खुलासा किया है। ढ्ढरूस्न के एक सीनियर ऑफिसर ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत की विकास दर के अनुमान को घटाने के पीछे की मुख्य वजह घरेलू खपत में आ रही सुस्ती और आंकड़ों में हुए संशोधन हैं। आईएमएफ ने गत मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर पूर्वानुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया था।

गिरावट के बाद भी टॉप पर भारत

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आईएमएफ ने कहा कि भारत की विकास दर भले की गिरावट की ओर संकेत कर रही है। लेकिन इसकी स्थिति दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले फिर भी अच्छी है। आईएमएफ के अनुसार इस गिरावट के बावजूद दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

विकास दर में कटौती के दो प्रमुख कारण

मुद्राकोष के एशिया एवं प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्ण श्रीनिवासन ने कहा कि भारत के वृद्धि दर अनुमान में कटौती के पीछे मुख्य रूप से दो कारक रहे हैं। इसमें पहला कारण है घरेलू खपत की वृद्धि में आ रही हल्की सुस्ती है। वहीं दूसरा कारक 2019 से 2020 में आंकड़ों का संशोधन है जिससे आर्थिक स्थिति पता चलती है। महामारी से पहले स्थिति कहीं बेहतर थी। हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामारी का प्रभाव हमारी सोच से कहीं अधिक सीमित था और पुनरुद्धार अधिक सशक्त रहा है।

वैश्विक जीडीपी में फ्रांस-ब्रिटेन से ज्यादा होगा भारत का हिस्सा

वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 2028 तक फ्रांस और ब्रिटेन को पार करने की उम्मीद है। इससे भारत वैश्विक आर्थिक विकास को चलाने में एक प्रमुख देश बन जाएगा। वैश्विक विकास में 75 फीसदी योगदान देने वाले 20 देशों के साथ, चीन, अमेरिका और इंडोनेशिया के साथ भारत शीर्ष योगदानकर्ताओं में बना हुआ है, जिसने एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।

डिजिटलीकरण का लाभ उठाने में अव्वल रहा भारत

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कोविड-19 से पैदा चुनौतियों से निपटने के लिए डिजिटलीकरण का लाभ उठाने में भारत के प्रयासों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा, भारत न केवल तूफान से निपटने में सफल रहा है, बल्कि विकास और रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए हैं। 2023 में वैश्विक विकास में भारत का योगदान 15 फीसदी रहने की भी उम्मीद जताई गई है।

बजट से सतत विकास पाने में मिलेगी मदद

जॉर्जीवा ने कहा, भारत ने बजट में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर पूंजीगत खर्च में वृद्धि की है। इससे लंबे समय के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार होगा और भारत को सतत विकास हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा सहित हरित अर्थव्यवस्था में भारत के बढ़ते निवेश की भी सराहना की। इस राजकोषीय जिम्मेदारी को भारत के सार्वजनिक वित्त को सहारा देने वाले एक मध्यम अवधि के ढांचे में बदलने की उम्मीद है। भारत के लिए आईएमएफ विकास अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से कम है। ईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने कहा कि दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखते हुए भारतीय जीडीपी के अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है।

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