कृषि और पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएँ – देवनानी

Immense possibilities in agriculture and tourism sector - Devnani
Immense possibilities in agriculture and tourism sector - Devnani

350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर विकसित राजस्थान पर संवाद

देवनानी ने किया राजस्थान की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने का आव्हान

जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने प्रबंधन से जुड़े युवाओं का आव्हान किया है कि वे राजस्थान की अर्थव्यवस्था को स्थानीय आवश्यकताओं, संसाधन, संस्कृति और कार्य प्रवृति के आधार पर नया आकार दें। उन्होंने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक स्थितियों के अनुसार विकसित राजस्थान की कल्पना को साकार करने के लिए युवा नई सोच और नई ऊर्जा के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भागीदार बने।

देवनानी शुक्रवार को यहां प्रतापनगर स्थित जयपुरिया इन्सटीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट में पीएचडीसीसीआई के तत्वाधान में आयोजित 350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर विकसित राजस्थान पर एक दिवसीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। देवनानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर संस्थान में विधान सभा अध्यक्ष के नाम से एक पौधा लगाया गया और उसका ग्रीन सर्टिफिकेट देवनानी को डॉ. प्रभात पंकज ने भेंट किया।

देवनानी ने कहा कि विकास के लिए शैक्षणिक वातावरण, मनोस्थिति और एकाग्रता का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप ढांचागत व्यवस्था को विकसित करने के लिए लक्ष्य तय करके कार्य आरम्भ करना चाहिए। इससे विकास की गति को नई दिशा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान खनिजों का भण्डार , कृषि और पशुपालन का प्रमुख केन्द्र, स्थापत्य, पुरातत्व , ऐतिहासिक किलो के साथ अनूठे लघु उ‌द्योग धंधो का गढ़ है। यहां के डोरिया साड़ी, हाथीदांत के आभूषण, लाख की चूडियां सहित अनेक लघु उ‌द्योग राज्य की मजबूत अर्थव्यवस्था के आधार रहे है। बीकानेर के बाजरे का बिस्कीट जिसने अमेरिका तक अपनी पहुंच बनाई है, वहीं कैर-सांगरी, नागोरी मेथी, मथानिया की मिर्च ने राजस्थान की अर्थव्यवस्था को पंख लगाये है। यहां अपार संभावनाएँ है। आत्थिय सत्कार में भारत विश्व में अनेक देशों से बहुत आगे है।

देवनानी ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद सम्पूर्ण भारत के साथ राजस्थान ने भी तरक्की के नये आयाम स्थापित किए है। इससे यहाँ की अर्थव्यवस्था तीव्र गति से सुदृढ़ हुईं है। कृषि , शिक्षा, तकनीकी और पर्यटन सहित लघु उ‌द्योग धंधो ने राजस्थान की अर्थव्यवस्था को नया आकार दिया है। देवनानी ने इस कार्य में विस्तार के लिये युवा पीढी को आगे आने के लिये कहा। देवनानी ने कहा कि भारत का ज्ञान -विज्ञान प्राचीनकाल से ही उच्च स्तर का रहा है। रामायण काल का अग्नि बाण आज की मिसाइल तकनीक को परीलक्षित कर रहा है। महरोली का लौह स्तम्भ, भारत के धातुकर्म का अनुपम उदाहरण है।

देवनानी ने कहा कि भारतीयों में नेतृत्व क्षमता उच्च श्रेणी की रही है। विदेशों में जरूर जायें, लेकिन अपने देश के विकास में अवश्य भागीदार बने। उन्होंने कहा कि राजस्थान के युवा अपनी नेतृत्व क्षमता में निखार लाये और राज्य का नाम विश्व पटल पर रोशन करें। देवनानी ने कहा कि हैप्पीनेस इंडेक्स और विकास को बढ़ाने के लिए लक्ष्य तय करो, जिज्ञासु बनों, समस्याओं का तत्काल समाधान करो और राष्ट्र को अधिकतम देने का प्रयास करो। सेमिनार को डॉ. प्रभात पंकज, डॉ. एस.पी शर्मा व आर. के. गुप्ता ने भी संबोधित किया। स्वागत एवं आभार वरुण चौटिया ने किया ।