इमरान खान के दो एडवाइजर्स ने अपने पद से इस्तीफा दिया

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को विपक्ष के विरोध के आगे घुटने टेकने पड़े। उनके दो स्पेशल एडवाइजर्स ने बुधवार रात इस्तीफे दे दिए। ये हैं- डिजिटल पाकिस्तान प्रोजेक्ट की हेड तानिया इरदौस और हेल्थ एंड कैबिनेट मामलों के चीफ डॉक्टर जफर मिर्जा। इमरान के कुल 15 स्पेशल असिस्टेंट हैं। इनमें से 7 के पास दोहरी नागरिकता और करोड़ों डॉलर की प्रॉपर्टी है। एक जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा होने के बाद विपक्ष इन्हें हटाए जाने की मांग कर रहा था। सरकार इनकी वजह से दबाव में है।

गूगल में रह चुकी हैं तानिया

तानिया इरदौस गूगल में एग्जीक्युटिव रह चुकी हैं। दो साल पहले जब इमरान खान प्रधानमंत्री बने तो तानिया को पाकिस्तान लौटने और एक स्पेशल प्रोजेक्ट संभालने का ऑफर दिया। तानिया के पास अमेरिकी नागरिकता भी है। तानिया ने पिछले साल दिसंबर में डिजिटल पाकिस्तान का जिम्मा संभाला। तानिया पर आरोप है कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट्स से जुड़े ठेके अपने करीबियों और परिवार वालों को दिए। कुछ महीने पहले ये साफ हो गया कि तानिया के प्रोजेक्ट में धांधली हो रही है।

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विपक्ष का दबाव

इमरान के कुल 15 स्पेशल असिस्टेंट्स और एडवाइजर्स में से 7 के पास पाकिस्तान के अलावा दूसरे देशों की नागरिकता भी है। इमरान जब विपक्ष में थे तो दोहरी नागरिकता का विरोध करते थे। इसके पुराने वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इमरान ने पहले कहा था- दोहरी नागरिकता वाले देश से धोखा कर सकते हैं। तानिया और जफर ही नहीं इमरान के लगभग हर दोहरी नागरिकता वाले एडवाइजर के पास करोड़ों डॉलर की प्रॉपर्टी है और ये सभी विदेश में हैं। लिहाजा, इमरान पर विपक्ष का दबाव बढ़ता जा रहा है।

कुछ और इस्तीफे होना तय

तानिया और जफर के बाद यह तय माना जा रहा है कि इमरान के कुछ और एडवाइजर या तो इस्तीफा देंगे या इन्हें हटाया जाएगा। बताया जाता है कि सेना भी इस मामले में इमरान सरकार का बचाव नहीं कर पा रही है। पिछले दिनों आर्मी चीफ बाजवा ने कहा था- दोहरी नागरिकता वाले लोग जब सांसद या सरकारी नहीं अफसर बन सकते तो हमें इस बारे में सोचना होगा। तब ही यह माना जाने लगा था कि इमरान को दोहरी नागरिकता वाले लोगों को हटाना पड़ेगा।