धर्मशाला में हुई बैठक में सैनिकों ने रातों रात गायब हुए करोड़ों रु. की जांच की मांग उठाई

नागौर। सैनिक कल्याण बहुद्देशीय सहकारी समिति लिमिटेड की बैठक रविवार को एक धर्मशाला में हुई। इस बैठक में वर्ष 2010-11 की ऑडिट के दौरान सामने आए घोटाले पर चर्चा की गई तथा सैनिकों के भवन पर किए गए कब्जे को छुड़ाने पर भी विचार किया गया। इस मामले को लेकर कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि नागौर जिले के सैनिकों ने वर्ष 1999 में एक सराहनीय कदम उठाते हुए भूतपूर्व सैनिक सरकारी समिति लिमिटेड का गठन किया।

वर्ष 2008 में सैनिकों की सहयोग राशि तथा कर्मचारियों की सैलरी का 5 व 10 प्रतिशत सर्विस चार्ज से एक भवन निर्माण सीडीएस कैंटीन के पीछे संजय कॉलोनी नागौर में किया गया। जिसमें पूर्व सैनिकों का अधिकार है। समिति के संविधान अनुसार साल में एक बार आम सभा बुलाना वह 2 साल बाद कार्यकारिणी का चुनाव करवाना तथा कोई भी सदस्य कार्यकारिणी में दो बार से भाग नहीं ले सकता। जबकि हरि सिंह जोधा निवासी पांचला सिद्धा लगातार 10 साल व जेठाराम निवासी चाउ लगातार 12 साल तक गैर कानूनी तरीके से अध्यक्ष बने रहे।

बैठक में कैप्टन भंवर लाल, ओम प्रकाश, नायक सूबेदार मूलाराम जोशी, सूबेदार शंकर सिंह, हवलदार हरीराम, रामेश्वर सहित कई लोग थे। आरोप है कि सन 2013 में हरि सिंह व जेठाराम ने मिलकर आम सभा बुलाई। इस बिल्डिंग को ट्रस्ट में तब्दील कर दिया। वहीं लिखाया की हरि सिंह व जेठाराम आजीवन संरक्षक रहेंगे। इनकी मृत्यु पर उनका उत्तराधिकारी होगा।

जिसकी कीमत 2174 371 दर्शाई गई, जिसका भुगतान किसी को नहीं किया गया। जबकि संपत्ति का मालिकाना अधिकार 900 शेयर होल्डर का है। आरोप है कि ऑडिट रिपोर्ट 2010-11 के मुताबिक मार्च 2011 को बैंक बैलेंस बैंक में खाते में 2748 59330 यूसीयूओ बैंक के खाते में 64 3566 एनसीसीसबी बैंक खाते में 3780 74 कुल रकम 285 0757 3 जमा थी। जो 1 अप्रैल 2011 को बैंक खाते में एक 119338 .18 रुपये, यूसीओ बैंक के खाते में 81 877 एनसीसीबी बैंक खाते में 20 464.50 कुल रकम 2828589332 कहा गायब हुए इसका जवाब दस्तावेजों के साथ आम सभा में सैनिकों के सामने पेश नहीं किया गया है जिसको जल्द पेश किया जाए।

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