जापान में होने वाले ओलिंपिक संकट में, एथलीटों को रूकने की जगह पर मेजबानों ने हाथ खड़े किए

जापान में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 23 जुलाई से ओलिंपिक खेल प्रस्तावित हैं। इस महामारी ने इस खेल से जुड़ी सारी तैयारियों को फीका कर दिया है।

विदेशी खिलाडि़य़ों के प्रशिक्षण और जापान के मौसम में ढलने के लिए उनके लिए 500 से अधिक शहरों और कस्बों में सैकड़ों शिविर बनाए गए थे।

इसके लिए चार साल से 41 हजार समुदायों को तैयार किया गया था। हर टीम और उसकी जरूरत के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया था। लेकिन अब ये शहर वीरान हैं और कोरोना ने लोगों के जीवन के सबसे शानदार अनुभव को छीन लिया है।

हालांकि, अभी तक यह तय नहीं है कि ओलिंपिक गेम होते हैं तो दुनियाभर के एथलीट कहां ठहरेंगे। क्या पहले से तय समुदाय के मेहमान बनेंगे, जो 2016 से उनकी राह देख रहे हैं।

टोयामा प्रांत के कुरूम्बे शहर में एक्सचेंज प्रमोशन डिवीजन के प्रवक्ता हारुना टेराडा कहते हैं कि यहां हर सदस्य निराश है। कम्युनिटी ने भारतीय तीरंदाजी टीम की मेजबानी के लिए करार किया था।

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