साल 2022 में इन राशियों पर रहा है शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव

शनि की साढ़ेसाती
शनि की साढ़ेसाती

साल 2022 समाप्त होने वाला है और कुछ ही दिनों में नए साल का उदय हो जाएगा। ऐसे में बीते साल की बहुत सी चीजें समाप्त हो जाएंगी। ज्योतिष दृष्टिकोण से साल 2022 काफी महत्वपूर्ण रहा है। कुछ राशि के जातकों के लिए साल 2022 बेहद शुभ साबित हुआ, तो वहीं कुछ राशियां ऐसी भी थीं जिन्हें थोड़ा परेशान होना पड़ा। इसके अलावा इस साल शनि देव की राशि और चाल दोनों में कई बार बदलाव भी हुए, जिसकी वजह से कुछ राशियों को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप भी झेलना पड़ा।

शनि की साढ़ेसाती
शनि की साढ़ेसाती

साल 2022 में शनि ग्रह ने 29 अप्रैल को मकर राशि से निकल कर कुंभ राशि में प्रवेश किया था, जिसकी वजह से मीन, कुंभ और मकर राशि को शनि के साढ़ेसाती का प्रभाव झेलना पड़ा। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैय्या लगी।

सके बाद 12 जुलाई 2022 को शनि का मकर राशि में वक्री अवस्था में प्रवेश हुआ, तो धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हुई।

हालांकि पंचांग के अनुसार, शनि देव अगले साल 17 जनवरी 2023 को मकर राशि पुन: कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, जिसके बाद धनु राशि को साढ़ेसाती से और मिथुन एवं तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।

शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से मुक्ति के लिए उपाय

शनि की साढ़ेसाती
शनि की साढ़ेसाती
  • शमी के वृक्ष की जड़ को काले कपड़े में पिरोकर शनिवार की शाम दाहिने हाथ में बांधे और? प्रां प्रीं प्रौं ऊं शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जाप करें।
  • नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय जाता रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।
  • कुंडली में शनि से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा प्रसाद चढ़ाएं।
  • शनिवार या अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनिदेव का ध्यान करें। फिर एक दीपक में सरसों का तेल डालकर जलाएं।

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