कालाबाजारी को अपराध व जीवन रक्षक दवा-उपकरणों को आवश्यक वस्तु अधिनियम मेंं शामिल करेंं: प्रेम भंडारी

जोधपुर। कोरोनाकाल में कालाबाजारी को अपराध और जीवन रक्षक दवा-उपकरणों को आवश्यक वस्तु अधिनियम में शामिल करने की मांग की गई है। जयपुर फुट यूएस के प्रेम भंडारी ने ऐसे कालाबाजारियों को आईपीसी की धारा 308 के तहत कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। उन्होंने बार एसोसिएशन से अपील की कि कालाबाजारी के किसी भी दोषी का मुकदमा लडऩे के लिए कोई भी वकील पैरवी नहीं करे। साथ ही ऐसे मामलो में पलिस एवं न्यायपालिका त्वरित कार्रवाई करे। जल्द से जल्द चार्जशीट पेश हो और मुकदमे की वर्चुअल कोर्ट में त्वरित सुनवाई हो।

उन्होंने केंद्र सरकार से एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट की सजा को आजीवन कारावास तक बढ़ाने का प्रावधान करने की मांग की। इससे ऐसा काम करने वाले हतोत्साहित होंगे तथा जरूरतमंदों को समय पर और सही कीमत पर जीवनरक्षक दवा-उपकरण मिल पाएंगे। एमआरपी तय हो : भंडारी ने कहा कि केरल की तर्ज पर कोरोना रोकथाम एवं उपचार से संबंधित समस्त उपकरणों की एमआरपी तय की जानी चाहिए। सभी बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगवाना अनिवार्य किया जाए। छोटे अस्पतालों में हर बेड के साथ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाना अनिवार्य किया जाए। अस्पताल में क्षमता के कम से कम 10त्न बेड पर वेंटिलेटर हो।

यह दिये सुझाव

  • कोरोना के उपचार से संबंधित सभी प्रकार के उपकरणों एवम दवाइयों को एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट में नोटिफाई करके उन सभी उपकरणों एवम दवाइयों की रेट तय की जाए ताकि इनकी कालाबाजारी को एक आपराधिक कृत्य माना जाए।
  • कोरोना की रोकथाम एवम उपचार से संबंधित उक्त उपकरणों की कालाबाजारी में पकड़े गए दोषियों को आईपीसी की धारा 302 के तहत कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
  • सभी बड़े हॉस्पिटलो में ऑक्सीजन प्लांट लगवाना अनिवार्य किया जाए तथा एक निश्चित समयावधि में इसकी अनुपालन सुनिश्चित की जाए, छोटे हॉस्पिटल में हर बेड के साथ ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर लगाया जाना अनिवार्य किया जाए। सभी हॉस्पिटल में क्षमता के कम से कम 10 फीसदी बेड पे वेंटिलेटर की सुविधा अनिवार्य करी जाए और इसकी पालना नहीं होने पर हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान किया जाए।
  • सभी बार एसोसिएशन यह संकल्प लें की इस दौरान पकड़े गए कलाबाजारी के किसी भी दोषी का मुकदमा लडऩे के लिए कोई भी वकील पैरवी नहीं करें।
  • ऐसे मामलो में पुलिस एवम न्याय पालिका त्वरीत कार्यवाही करें, 15 दिन में चार्जशीट पेश हो जाए और मुकदमे को वर्चुअल फास्ट ट्रैक कोर्ट के द्वारा त्वरित गति से दोषियों को
    सजा दी जाए।
  • यह विषय CONCURRENT LIST मैं होने से राज्य सरकार भी कानून बनाने मैं सक्षम हैं इसीलिए केरेला की तर्ज़ पर राजस्थान सरकार को भी कोरोना की रोकथाम एवम उपचार से संबंधित समस्त उपकरणों की रू.क्र.क्क तय की जानी चाहिए नाकी केंद्रीय सरकार का इस विषय पर इंतजार करें की वो कोई निर्णय लें।
  • केंद्रीय सरकार के द्वारा एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट में वर्णित सजा के प्रावधान को 7 साल से आजीवन कारावास की सजा तक बढ़ाने का प्रावधान किया जाए।