नई कृषि तकनीक और ज्ञान खेतों तक पहुंचाकर किसान की आय बढ़ाएं: कृषि मंत्री

लालचंद कटारिया, lal chand kataria
लालचंद कटारिया, lal chand kataria

कृषि अनुसंधान केन्द्र दुर्गापुरा में कृषि प्रौद्योगिकी ज्ञान केन्द्र का लोकार्पण

जयपुर। कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कृषि विश्वविद्यालयाें में हो रहे अनुसंधान और नई तकनीक के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर देते हुए कहा कि नई कृषि तकनीक की सार्थकता तभी पूरी होगी जब उसका उपयोग आम किसान के खेत में होगा और उससे काश्तकार की आय में बढ़ोतरी होगी। 
कटारिया बुधवार को यहां दुर्गापुरा स्थित राजस्थान कृषि अनुसंधान केन्द्र में 4 करोड़ 46 लाख रुपए की लागत से निर्मित कृषि प्रौद्योगिकी ज्ञान केन्द्र के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कृषि मंत्री ने कहा कि श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय खेती में लगातार नया अनुसंधान कर प्रगति केे पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह ज्ञान केन्द्र रिसर्च और देश-दुनिया के नवाचारोें की जानकारी किसान और छात्र-छात्राओं तक पहुंचाने में मदद करेगा। 

कटारिया ने ‘किसान दिवस’ पर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा कि वह कहते थे कि हमारे देश की प्रगति खेत-खलिहान से गुजरती है। इसलिए हमें उन्न्त और आधुनिक खेती अपनाकर किसान की आय बढ़ोतरी के लिए प्रयास करना होगा। किसानों की खुशहाली से ही देश की प्रगति संभव है। उन्होंने किसानों से घटती जोत के बीच आय बढ़ानेे के लिए कृषि के साथ पशुपालन, मत्स्य एवं कुक्कुट की समन्वित खेती करने और नई तकनीक अपनाने का आह्वान किया। 

कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान में जैविक उत्पादोें की बढ़ती मांग को मध्यनजर रखते हुए किसान जैविक खेती कर अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी पशुपालन भी आधुनिक तरीकेे से कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक कृषि की नई तकनीक और ज्ञान तथा पशु नस्ल सुधार का लाभ किसानों तक पहुंचाएं।

कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए सतत प्रयास कर रही है। नई तकनीक और सुविधाएं किसानों तक पहुंचाने के लिए ट्रेेक्टर, रोटावेटर, कल्टीवेटर जैैसे आधुनिक उपकरण किराए पर उपलब्ध कराने के लिए सहकारी समितियों पर हायरिंग सेन्टर चालू किए गए हैं।

‘फल-सब्जी परिरक्षण एवं उत्पाद’ पुस्तक का विमोचन कृषि मंत्री कटारिया ने कृषि विश्वविद्यालयों के नोडल अधिकारी डॉ. ओमप्रकाश गढ़वाल की पुस्तक ‘फल-सब्जी परिरक्षण एवं उत्पाद’ का विमोचन भी किया। इससे पहले उन्होंने ज्ञान केन्द्र परिसर में पौधारोपण किया और डिजिटल जीवंत प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

मल्टी फेकल्टी यूनिवर्सिटी बनाने की आवश्यकता कुलपति श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जे.एस. संधू ने विश्वविद्यालय की प्रमुख गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी हमें काफी आगे बढ़ने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने आधारभूत संरचना विकास के साथ डेयरी साइंस, हॉर्टिकल्चर एवं कृषि इंजीनियरिंग जैसे विषय शुरू कर मल्टी फेकल्टी यूनिवर्सिटी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। 

आधुनिक कृषि तकनीक का जीवंत प्रदर्शन कृषि अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. ए.एस. बलोदा ने बताया कि इस ज्ञान केन्द्र का निर्माण राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत हुआ है जहां कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मुर्गीपालन, मछलीपालन, फार्म मशीनरी, फसलोत्तर प्रबंध, कीटनाशक अवशेष प्रबंधन, बीज भंडारण, हाईटेक बागवानी, इत्यादि की आधुनिकतम तकनीक का जीवंत प्रदर्शन किया गया है। कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, कृषि वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील काश्तकार भी उपस्थित थे।