डीके और सिद्धारमैया पर कश्मकश बरकरार

सिद्धारमैया और शिवकुमार
सिद्धारमैया और शिवकुमार

राहुल की मौजूदगी में खरगे के आवास पर सीएम कौन पर मंथन

नई दिल्ली। कर्नाटक के सीएम को लेकर बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक हलचल रही। विधायकों के बीच रायशुमारी कर तीन सदस्यीय पर्यवेक्षक दल सोमवार दोपहर दिल्ली लौट आया और अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप दी। सोमवार शाम पार्टी की एक अहम बैठक हुई, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, बेंगलुरु भेजे गए तीनों पर्यवेक्षक सुशील कुमार शिंदे, भंवर जीतेंद्र सिंह और दीपक बावरिया शामिल थे।

सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में सीएम पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों नामों पर चर्चा हुई, लेकिन मंगलवार दोपहर तक किसी के नाम पर मुहर नहीं लग पाई। सीएम के नाम को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक हो रही है। बता दें कि पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी है, जिसके बाद ये बैठक बुलाई गई है। बताया जा रहा है कि बैठक में खुद राहुल गांधी भी मौजूद हैं।

खरगे के घर बैठक जारी

डीके और सिद्धारमैया पर कश्मकश बरकरार
डीके और सिद्धारमैया पर कश्मकश बरकरार

कर्नाटक के अगले सीएम का मसला दिल्ली में सुलझाया जा रहा है। खरगे के आवास पर हो रही बैठक में पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद हैं। बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए हैं। इसके अलावा कर्नाटक में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक भी खरगे के घर पहुंच चुके हैं। डीके शिवकुमार आज ही कर्नाटक से दिल्ली आए, जबकि सिद्धारमैया सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी आए थे।

क्या है डीके शिवकुमार का इशारा?

शिवकुमार
शिवकुमार

कर्नाटक से दिल्ली रवाना होते वक्त डीके शिवकुमार ने अहम इशारा किया। उन्होंने कहा, ‘पार्टी मां समान होती है, पार्टी हाईकमान से मिलूंगा, हमें जो चाहिए होता है वो मां देती है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी संख्या 135 है, मैं यहां किसी को विभाजित नहीं करना चाहता। अगर पार्टी चाहती है तो वे मुझे जिम्मेदारी देंगे। मैं बैकस्टैब नहीं करूंगा और मैं ब्लैकमेल नहीं करूंगा।’

कैसा रहा विधानसभा चुनाव का रिजल्ट?

गौरतलब है कि 13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे। 224 विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने 135 सीटें जीतकर सरकार बनाई है। सत्ताधारी भाजपा मात्र 66 सीटों पर ही सिमट गई। वही, किंगमेकर बनने का इरादा रख रही जेडीएस की उम्मीदों को भी झटका लगा है। जेडीएस को इस चुनाव में सिर्फ 19 सीटें हासिल हुईं। अन्य को चार सीटें मिली हैं।

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