भारत जुटा पहली अंतरिक्ष यात्रा पर, इसरों ने की तैयारी

नई दिल्ली। नए साल के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो एक बार फिर बड़ी छलांग की तैयारी में जुट गया है। इस साल चंद्रयान-3 को लॉन्च करने के साथ ही साल 2022 में भारत की पहली मानवयात्रा के लिए चार पायलट का चयन किया गया है। मिशन गगनयान को लॉन्च करने की पुष्टि खुद इसरो चीफ के सिवन ने कर दी है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि इसरो को केंद्र की तरफ से चन्द्रयान- 3 के लिए मंजूरी मिल गई है और इस पर काम जारी है वहीं गगनयान के लिए भी 4 अंतरिक्ष यात्रियों को चुन लिया गया है। उन्हें रूस में एस्ट्रोनॉट बनने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

हालांकि, उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह बताया गया है कि वे चारों एयरफोर्स में टेस्ट पायलट हैं। पहले 30 पायलटों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, इनमें से 4 श्रेष्ठ पाए गए। जनवरी के तीसरे हफ्ते से रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस में इनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में अभी अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग की सुविधा नहीं है और इसे स्थापित करने में काफी समय लगेगा।

अंतरिक्षयात्रियों के लिए स्पेससूट भी रूस से ही खरीदे जाएंगे। ताकि, मानव मिशन के लक्ष्य में कोई देरी न हो। बताते चलें कि इसरो ने अंतरिक्षयात्रियों के लिए स्पेससूट बना लिए हैं, लेकिन अभी उनके कुछ परीक्षण होने हैं। मानव मिशन के पहले दो बार पुतले भेजे जाएंगे। पहला ट्रायल दिसंबर 2020 में और दूसरा जुलाई 2021 में होगा। इसकी सफलता के बाद ही यात्री दल तय किया जाएगा।

गगनयान चालक दल के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण में मेडिकल टेस्ट और फिजिकल टेस्ट शामिल है। वैसे तो सैन्यकर्मी पहले से ही काफी फिट रहते हैं, लेकिन फिर भी गुरुत्वाकर्षण के बदलते वातावरण की वजह से होने वाले शारीरिक परिवर्तनों के अनुकूल होने के लिए उन्हें कठोर ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। अंतरिक्ष यात्रियों को रॉकेट उड़ान और धरती पर फिर से लौटने के दौरान पृथ्वी पर बहुत अधिक गुरुत्वाकर्षण भार का अनुभव होता है।