Indian International Science Festival: घर बैठे लाभ उठा सकते हैं छात्र IISF कार्यक्रमों का

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद्- सीएसआईआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट स्टडीज (एनआईएसटीएडीएस) नई दिल्ली, की निदेशक डॉ. रंजना अग्रवाल ने कहा “कोविड महामारी के दौर में जब बहुत सारी गतिविधियां थम सी गई हैं यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही है जो इन्सानी जज्बे को बनाए हुए है।

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2020 ऐसा ही एक जीवंत उदाहरण है जहाँ विज्ञान को वस्तुतः अनुभव किया जा सकता है। इसके दौरान छात्र वर्चुअल तरीके से आयोजित पर्यटन, 3डी प्रदर्शनियों, पैनल चर्चाओं, व्याख्यानों और बहुत कुछ ऐसे आयोजनों का हिस्सा बन सकते हैं। फेस्टिवल के दौरान 41 तरह के आयोजन किए जा रहे हैं।

सभी का इसमें स्वागत है।” वह वाईएमसीए, जे सी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित कर रही थीं। विश्वविद्यालय ने हरियाणा के विज्ञान भारती विभा के सहयोग से आईआईएसएफ-2020 के पूर्वावलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया था। आईआईएसएफ का आयोजन 22 से 25 दिसंबर तक होगा।   

आईआईएसएफ-2020 के आयोजन की नोडल एजेंसी नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर एनआईएसटीएडीएस है। यह विज्ञान महोत्सव विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा  रहा है।डॉ. अग्रवाल ने विज्ञान महोत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों और उनके परिमार्जन पर विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि कैसे छात्र इन कार्यक्रमों के जरिए विज्ञान का अपने घरों में बैठकर लाभ ले सकते हैं।विभा के राष्ट्रीय संयोजक सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे ने कहा “जब कोविड महामारी शुरु हुई तो हमने सोचा कि यह कुछ महीनों में खत्म हो जाएगी और हम पिछले साल की तरह इस बार भी कार्यक्रम आयोजित कर पाएंगे। लेकिन सितंबर तक यह स्पष्ट हो गया कि हमारे लिए इसे भौतिक रूप से संचालित करना संभव नहीं था, फिर हमने इसे आभासी प्लेटफार्मों पर आयोजित करने के बारे में सोचा।

उन्होंने बताया कि समय और सीमाओं की बाधाओं से परे, आईआईएसएफ में  वैश्विक स्तर पर विदेशी और भारतीय शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रकोप के बावजूद इस बार महोत्सवस में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की संख्या में वृद्धि की गई है आगे इन्हें और बढ़ाने का इरादा है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने महामारी के दौरान विज्ञान के इस बड़े उत्सव को आयोजित करने के लिए सीएसआईआर एनआईएसटीएडीएस, विज्ञान भारती और विभिन्न मंत्रालयों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।