डॉ. सुबी चतुर्वेदी को इनोवेटिव लीडर ऑफ़ दि ईयर सम्मान

इन पुरस्कारों के माध्यम से 13 श्रेणियों में संचार और प्रतिपालन के क्षेत्र में उत्कृष्टता की तलाश के लिए कॉर्पोरेट जगत में उपलब्धि प्राप्त करने वाली असाधारण महिलाओं का सम्मान किया।

नई दिल्ली। दूरसंचार के क्षेत्र में कॉरपोरेट जगत एवं एजेंसियों में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान का सम्मान करते हुए, एक्सचेंज4मीडिया ने प्रतिष्ठित विमेन अचीवर्स समिट एंड अवार्ड्स 2021 के विजेताओं की घोषणा की। डॉ. सुबी चतुर्वेदी, चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स एंड पॉलिसी ऑफिसर, ज़ूपी को ऑनलाइन गेमिंग के प्रारूप को बेहतर बनाने और सार्वजनिक और पॉलिसी के क्षेत्र में अच्छे संभाषण के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग हेतु इनोवेटिव लीडर ऑफ द ईयर के तौर पर सम्मानित किया गया।

अभिनवकारी युक्तियाँ और समाधान उत्पन्न करने के लिए सुप्रसिद्ध, डॉ. सुबी चतुर्वेदी लोगों के जीवन को परिवर्तित कर बेहतर बनाने के लिए डिजिटल अभिनवता की शक्ति का लाभ उठाने, और आज के समाजों को भविष्य के समाजों में परिवर्तित करने में दृढ़ता से विश्वास करती हैं। वे इस उद्योग को विश्वभर के बाज़ार में अपनी स्थिति का लाभ उठाने और सशक्त बनाने में मदद करने के लिए भारत के ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र से संबंधित नीति के परिवेश और धारणा को बेहतर बनाने की दिशा में अथक प्रयास कर रही हैं।

डॉ. सुबी चतुर्वेदी सकारात्मक परिवर्तन और डिजिटल रूपांतरण की प्रबल समर्थक रही हैं। उन्हें इस उद्योग में सामान्यतः ऑनलाइन गेमिंग के क्षेत्र के लिए और विशेषतः कौशल-आधारित ऑनलाइन गेमिंग में अपने वर्ग की प्रमुख कंपनी, ज़ूपी के लिए क प्रमुख समर्थक माना जाता है। वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा नियुक्त दो हितधारक समूहों, एक बहु-हितधारक समूह, यूनाइटेड नेशन्स इंटरनेट गवर्नेंस फोरम में मीडिया और नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली भारतीय महिला थीं।
इस सम्मान द्वारा सम्मानित किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, डॉ. सुबी चतुर्वेदी कॉर्पोरेट मामलों की प्रमुख एवं नीति अधिकारी, ज़ूपी ने कहा, “मैं इस पुरस्कार के माध्यम से अपने योगदान को सम्मानित करने और उसकी प्रशंसा करने के लिए निर्णायक मंडल एवं आयोजकों को धन्यवाद देना चाहती हूँ।

अब मेरे लिए यह एक और भी बड़ा त्तरदायित्व है कि मैं हर किसी के जीवन में अभिनवता को मुख्यधारा का एक अंग बनाने और टेक्नोलॉजी और गेमिंग का अच्छे उद्देश्यों हेतु उपयोग करने की दिशा में काम करती रहूँ। मैं भारत के युवा और प्रतिभाशाली उद्यमियों का भी धन्यवाद करती हूँ जो यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर परिश्रम कर रहे हैं कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘आत्मनिर्भर भारत’ और विश्व के लिए ‘मेड इन इंडिया’ का सपना सच हो जाए। दो आई.आई.टी. स्नातकों, दिलशेर मल्ही और सिद्धांत सौरभ द्वारा स्थापित की गई, ज़ूपी उसी बात का एक ज्वलंत उदाहरण है। मैं ज़ूपी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दिलशेर को भारत को कौशल सक्षम बनाने के लिए उनके योगदान और दृष्टिकोण के लिए और हमेशा अपने नेतृत्व और समर्पण से मुझे प्रेरित करने के लिए धन्यवाद देती हूँ।

अपनी उपलब्धियों के विषय में बताते हुए, डॉ. सुबी चतुर्वेदी ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि हम किसी उद्देश्य पर आधारित व्यवसायों को स्थापित करें और ऐसे ब्रांड बनायें जो मानवीय, नैतिक, स्पष्ट, निष्कपट, रचनात्मक और उपयोगकर्ता पर केंद्रित हों। चूँकि मैं सोच से अधिक काम करने में विश्वास करती हूँ, इसलिए मैं कहूँगी कि इस महामारी के दौरान मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि कोविड-19 के राहत के प्रयासों के लिए इस उद्योग और मेरे पिछले नियोक्ता की ओर से महामारी के पहले तीन महीनों में देश की पी.पी.ई. सूट्स की अनुमानित 60% से अधिक आवश्यकता को पूरा करने के द्वारा भारत के हस्तक्षेप का नेतृत्व करना रही है, जिसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं कपड़ा मंत्रालय द्वारा व्यापक तौर पर सराहा गया है।

डॉक्टरों और पहली पंक्ति के कार्यकर्ताओं को सुरक्षित रखना मेरे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है। इसने नीति में भी योगदान दिया और इसके कारण मेडिकल से संबंधित सभी प्रकार के दानों को शुल्कों से छूट दी गई, जिससे पूरे उद्योग को लाभ हुआ। राहत के प्रयासों को प्रेरित करने के लिए विभिन्न समय क्षेत्रों में बहु-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय टीमों का नेतृत्व करने के कई अवसर मिले और भारत के वरिष्ठ नौकरशाहों और सार्वजनिक उपक्रमों के साथ काम करते हुए चीन में पाँच नीतिगत परिवर्तनों को सफलतापूर्वक मार्गदर्शित किया।

इस परियोजना को सरकार के सबसे वरिष्ठ हितधारकों की आलोचनात्मक प्रशंसा प्राप्त हुई और इसी तरह की प्रक्रिया के परिणामों और इस उद्योग में उन्हें व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रेरित किया। हमने इस समय एन.आई.आई.टी. फाउंडेशन के साथ भी साझेदारी की है और वंचित समुदायों को सशक्त बनाने हेतु ज़ूपी स्किल्स एकेडमी की शुरुआत की है।”
डॉ. चतुर्वेदी इस समय एफ़.आई.सी.सी.आई. की वीमेन इन टेक्नोलॉजी, पॉलिसी एवं लीडरशिप उप-समिति की अध्यक्षा हैं।

इससे पहले, वे इंटरनेट के भविष्य पर ‘स्नोडेन खुलासे’ के बाद विश्वभर की सरकारों की प्रतिक्रिया, नेटमुंडियाल इनिशिएटिव की वैश्विक सह-अध्यक्षा रही हैं। वे यू.एन. इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (एम.ए.जी.) की सदस्य भी रही हैं, जिन्हें यू.एन. सेक्रेटरी जनरल द्वारा नियुक्त किया गया था, साथ ही बोर्ड ऑफ़ यू.के. इंडिया बिजनेस काउंसिल (यू.के.आई.बी.सी.) और आई.जी.एफ.एस.ए. में भी रही हैं।

उन्हें आई.वी.एल.पी., यू.एस. स्टेट डिपार्टमेंट फेलोशिप और एन.आई.एक्स.आई. जी.ओ.आई. फेलोशिप्स के माध्यम से इंटरनेट गवर्नेंस और साइबर सिक्योरिटी में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। डॉ. चतुर्वेदी सार्वजनिक नीति और संचार की एक प्रतिष्ठित नेतृत्वकर्ता हैं, जो नीति परिवर्तन के लिए एक अहम समर्थक के रूप में उभरकर आयी हैं, जो टेक्नोलॉजी को सुशासन के केंद्र मानती हैं और पूर्ण रूप से संबद्ध और सशक्त डिजिटल इंडिया का पूर्ण समर्थन करती हैं। वह उद्योग-शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग के माध्यम से संपर्क बनाने और सरकार के साथ मिलकर काम करने में विश्वास रखती हैं।

सुबी ने महिलाओं के उत्थान, लोकतंत्र तटस्थ बनाने, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और नीतियों के निर्माण में युवाओं, विशेष रूप से युवा महिलाओं की अधिक भागीदारी को बढ़ाने, अच्छे उद्देश्यों के लिए गेमिंग, टेक्नोलॉजी में महिलाओं और आई.सी.टी. में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।