राजस्थान बनेगा निवेश का हब, जनवरी में होगा ‘इन्वेस्ट राजस्थान-2022’

जयपुर। राजस्थान को निवेश का हब बनाने एवं नए निवेशकों को आमंत्रित करने की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप राज्य सरकार 20 एवं 21 जनवरी, 2022 को जयपुर के सीतापुरा स्थित जयपुर एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में स्टेट इन्वेस्टर समिट ‘इन्वेस्ट राजस्थान 2022’ का आयोजन करेगी। इस दो दिवसीय समिट के दौरान निवेश संबंधी कार्य ऑन दी स्पॉट किए जाएंगे। समिट से पहले मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री एवं अन्य विभागों के मंत्रियों के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल देश एवं देश से बाहर के निवेशकों से संपर्क कर उन्हें राजस्थान के विकास में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करेंगे। निवेशकों से जुडऩे के लिए 21 अक्टूबर, 2021 से वर्चुअल वेबिनार, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय रोड शो तथा विभिन्न देशों के डिप्लोमेट्स के साथ चर्चा जैसे कार्यक्रम होंगे। जिनके माध्यम से राजस्थान को इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

समिट के सफल आयोजन के लिए बीआईपी एवं रीको के अधिकारियों द्वारा चेन्नई, मुंबई एवं दिल्ली जैसे शहरों में निवेशकों के साथ संपर्क स्थापित किया जा रहा है।

राज्य सरकार द्वारा 12 से 18 नवम्बर के बीच दुबई में होने वाले दुबई एक्सपो के साथ ही अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, फ्रांस एवं यूके में अंतर्राष्ट्रीय रोड शो आयोजित करने की योजना है। इसके अलावा अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली, बैंगलुरू एवं हैदराबाद में भी रोड शो आयोजित करने की रूपरेखा तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री की पहल पर हुए नीतिगत सुधारों से बदला माहौल

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में पिछले ढाई साल में निवेशकों की सुविधा के लिए रिप्स-2019, सोलर एनर्जी पॉलिसी, विंड एंड हाइब्रिड एनर्जी पॉलिसी, वन स्टॉप शॉप प्रणाली, एमएसएमई एक्ट जैसे नीतिगत निर्णय लेते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। इसी प्रकार पेट्रोलियम, केमिकल एंड पेट्रो-केमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन (पीसीपीआईआर), फिनटेक सिटी, औद्योगिक जोन एवं पार्क तथा डीएमआईसी जैसे इण्डस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर राजस्थान को औद्योगिक विकास की दिशा में आगे बढाया जा रहा है।

1 लाख 67 हजार के निवेश प्रस्तावों को बोर्ड ने दी मंजूरी

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट ने करीब 1 लाख 67 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव पास किए हैं। इन्हें कस्टमाइज्ड इन्सेंटिव देने की मंजूरी दी गई है। इन निवेश प्रस्तावों के साकार होने से प्रदेश में करीब 40 हजार नये रोजगार पैदा होंगे। इनमें से 90 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के जालोर, जैसलमेर एवं बाड़मेर जैसे रेगिस्तानी इलाकों में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मिलेंगे।

सोलर में नंबर वन, 30 हजार मेगावाट का लक्ष्य

अडानी ग्रीन एनर्जी, रिन्यू पॉवर, ग्रीनको एनर्जीज एवं जेएसडब्ल्यू सोलर द्वारा प्रदेश में करीब 1 लाख 64 हजार 540 करोड़ रूपये का निवेश किया जा रहा है। इससे नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 37 हजार रोजगार के अवसर पैदा होंगे। गौरतलब है कि भारत सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान अब स्थापित सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में देश का नंबर वन राज्य हो गया है। विगत मात्र आठ माह में ही राजस्थान में 2348.47 मेगावाट नई सौर ऊर्जा की क्षमता स्थापित की गई है। इस अवधि में रिकॉर्ड 10 हजार करोड़ रूपए का निवेश इस क्षेत्र में हुआ है। राज्य में 2024-25 तक 30 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

विस्तृत आधारभूत ढांचा निवेशकों के लिए बड़ा अवसर

प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने में यहां उपलब्ध औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान में प्रदेश में 350 औद्योगिक क्षेत्र हैं। यहां 84 हजार एकड़ औद्योगिक भूमि उपलब्ध है। इसमें 49 हजार एकड़ विकसित भूमि है। साथ ही आने वाले समय में 150 औद्योगिक पार्क और स्थापित होंगे। रीको क्षेत्र में 40 हजार ऑपरेशनल यूनिट स्थापित हैं। डीएमआईसी प्रदेश का 58 प्रतिशत क्षेत्र कवर करता है। डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर करीब 563 किलोमीटर क्षेत्र से गुजरेगा। 1730 किलोमीटर क्षेत्र में गैस ग्रिड प्रोजेक्ट होगा। प्रदेश में 3 विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थापित हैं। पीसीपीआईआर, फिनटेक पार्क, टॉय जोन, इलेक्ट्रिक व्हीकल जोन, सेज में प्लग एण्ड प्ले फैसिलिटी, कोटा में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क एवं जोधपुर में प्रस्तावित मेडिकल डिवासेज पार्क बनने से औद्योगिक विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।