शोध प्रपत्र प्रकाशन में आचार संहिता का पालन आवश्यक – प्रोफसर सक्सेना

शिक्षकों के लिए एक दिवसीय ‘क्षमतावर्धन कार्यक्रम (केपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम)‘ का
अमेठी विश्वविद्यालय के प्रोफसर अभिनीत सक्सेना के मुख्य आतिथ्य में हुआ आयोजन

जोधपुर। बुझावड़ स्थित मौलाना आजाद विश्वविद्यालय जोधपुर में शुक्रवार को शिक्षकों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक दिवसीय ‘क्षमतावर्धन कार्यक्रम (केपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम)‘ का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय प्रेसिडेंन्ट (अध्यक्ष) डॉ. जमील काजमी ने कहा कि क्षमता वर्धन कार्यक्रम (केपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम) सीखनें की एक सतत प्रक्रिया है।

उन्होंने इसके उद्धेश्यों के बारें में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि इससे सभी शिक्षकों को शोध की बारीकियों के बारे मे जानंने में मदद मिलेगी। विश्वविद्यालय शिक्षकों कोे शिक्षा क्षेत्र में उन्नयन बनाने के लिए भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन करता रहेगा।
मौलाना आज़ाद यूनविसर्सिटी के चेयरपर्सन मोहम्मद अतीक ने मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी एवं यूनिवर्सिटी का परिचय देते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद तेलाजुमन ने अपने सम्बोधन में शोध आचार संहिता, शैक्षणिक प्रकाशन तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पी.एच.डी. रेगुलेशन (रिसर्च, एथिक्स, एकेडमिक, पब्लिकेशन एण्ड यूजीसी पीएचडी रेग्यूलेशन) के संदर्भ में शोध करने वाले तथा शोध कराने वाले सभी शिक्षकों को इसकी विस्तृत एवं सारगर्भित जानकारी प्रदान की तथा साथ ही शोधार्थियों के प्रश्नों का उत्तर देकर उन्हें संतुष्ट भी किया ।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता अमेठी विश्वविद्यालय के प्रोफसर अभिनीत सक्सेना ने ‘रोल ऑफ स्टेटिसटिक्स एण्ड रिसर्च, यूजीसी-केयर लिस्टेड जर्नल्स एण्ड हाव टू डिटेक्ट क्लोन्ड फेक प्रीडेटरी जर्नल्स इन एकेडमिक्स‘ विषय पर बात करते हुए कहा कि शोध प्रपत्र प्रकाशन आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए प्रपत्र का प्रकाशन आवश्यक है। अनुसंधान में सांख्यिकी का प्रयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त जर्नल्स तथा कुछ नकली अथवा क्लोन की गई पत्रिकाओं को कैसे जाना जा सकता है, के बारें में जानकारी दी।

साहित्यिक चोरी को रोकने के लिए टर्निटिन सॉफ्टवेयर के बारे मे बताया। आपने सरल तरीके से शोध पत्र कैसे लिखे जाने चाहिए। कौनसी अधिकृत एवं मान्यता प्राप्त जर्नल्स है, रिसर्च टॉपिक का चयन कैसे किया जाना चाहिए। शोध करते समय किन-किन महत्वपूर्ण बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए आदि के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की।

मौलाना आजाद विश्वविद्यालय के डीन ऐकेडेमिक्स प्रोफेसर इमरान खान पठान ने अंतिम सत्र में बताया कि विश्वविद्यानय के सभी संकाय के 80 शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। साथ ही मारवाड़ मूस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी की ओर से संचालित दोनों मौलाना आज़ाद बी.एड. कॉलेज के शिक्षकों ने भी इसमें भाग लिया।

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