सिर्फ एक गोली से कैंसर मुक्त रहना है संभव

जयपुर। भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में बुधवार को विश्व क्रोनिक मायलोइड ल्यूकेमिया (सीएमएल) दिवस मनाया गया। इस मौके पर सीएमएल कैंसर सरवाइर्स ने कैंसर से जीत हासिल करने के अनुभव साझा किए। इस मौके पर सीएमएल कैंसर की रोकथाम एवं उपचार के बारे में जानकारी देने के साथ ही प्रदेशभर से आए कैंसर विजेताओं ने उपचार ले रहे रोगियों का हौसला बढ़ाया।

कार्यक्रम में ब्लड कैंसर विशेषज्ञ डॉ उपेन्द्र शर्मा ने बताया कि देष में मौजूदा कैंसर रजिस्ट्री के आंकडों के आधार पर सीएमएल कैंसर के केस करीब 2.2 फीसदी है। सीएमएल कैंसर के रोगी अपनी दवा नियमित तौर पर लें तो ना सिर्फ वह कैंसर को मात दे सकते हैं बल्कि सामान्य व्यक्ति की तरह स्वस्थ जीवन जी सकते है। इस मौके पर मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के निदेषक एवं प्रमुख डॉ अजय बापना ने बताया दिवस ने इस दिवस के महत्व के बारे में जानकारी दी और बताया कि यदि मरीज नियमित रूप से दवाएं खाते रहे तो आसानी से कैंसर से जीत हासिल कर सकते है।

निःशुल्क उपचार से 248 रोगी कैंसर मुक्त

हॉस्पिटल के अधिशासी निदेषक मेजर जनरल एस सी पारीक, ने बताया कि हॉस्पिटल की ओर जनकल्याण योजना क्रोनिक माईलोइड ल्यूकीमिया कैंसर मुक्ति योजना (सीएमएल-सीएमवाए) चलाई जा रही है।

इस योजना के तहत (सीएमएल) रक्त कैंसर से पीड़ित रोगियों का निःशुल्क उपचार किया जाता है। अगस्त 2015 में शुरू हुई इस योजना में 248 रोगियों का निःशुल्क जांच एवं उपचार किया जा रहा है और सभी रोगी कैंसर मुक्त है। जून 2021 तक इस प्रोजेक्ट पर 1ण्15 करोड़राशि खर्च की जा चुकी है।

कई योजनाओं के तहत निशुल्क उपचार

चिकित्सालय के कोषाध्यक्ष डॉ प्रेमसिंह लोढा ने बताया कि चिकित्सालय की ओर से सीएमएल के साथ ही डोनेट ए लाईफ, किडनी कैंसर, कैंसर केयर अनुकम्पा परियोजना, क्योर थायोराइड कैंसर परियोजना, स्तन कैंसर निवारण पयोधि प्रतिदान परियोजना के तहत रोगियों को दवाओं सहित जून 2021 तक 6,78,92,902 राशि तक का निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा चुका है।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुबह पठानिया चिकित्सालय में महिलाओं में स्तन एवं गर्भाशय कैंसर की निःशुल्क जांच कार्यक्रम के तहत अब तक 815 महिलाओं कि जांच की जा चुकी है, जिसमें 8,49,980 रूपए की राशि खर्च हुई है।

केस- 1

करीब चार साल पहले मुझे भूख नहीं लगने और खाना खाने पर उल्टी आने की समस्या हुई। डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि लीवर डेमेज हो गया है। डॉक्टर ने बीएमसीएचआरसी रेफर किया। यहां जांच में ब्लड कैंसर सामने आया।

माला की छोटी सी दुकान करते हुए परीवार में सबसे बडे बेटे की जिम्मेदारी निभाते हुए कैंसे कैंसर का उपचार करवारू समझ नहीं आ रहा था। लेकिन हॉस्पिटल की सीएमएल योजना का मुझे लाभ मिला और पूरा उपचार निषुल्क हो गया। आज मैं पूरी तरह कैंसर मुक्त हूं।
गिरराज सिंह, जयपुर, कैंसर सरवाइवर

केस- 2

मुझे बार-बार बुखार आता और शौच के दौरान खून निकलता। कई बार डॉक्टर को दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला। कुछ महिनों बाद कई तरह की जांचें हुई और उसमें ब्लड कैंसर सामने आया। जब कैंसर का पता चला तो हिम्मत टूटती लगी, लेकिन हार नहीं माना और उपचार करवाने का निर्णय लिया। योजना का भी लाभ मिला और मैं आज पूरी तरह कैंसर मुक्त हूं।
कृष्ण पाल, आगरा, कैंसर सरवाइवर

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