फुटपाथ पर न बेचनी पड़े कलाकृतियां, कलाकारों को मिलेगी नि:शुल्क कला दीर्घा

अभियान की पहली कड़ी में गुढ़ा गोढजी गांव के कलाकार इकबाल खान की कृतियों को मिली दीर्घा की दीवारें

जयपुर। कलानेरी आर्ट गैलरी अपनी स्थापना के समय से ही विभिन्न कलात्मक सराकारों के लिए प्रतिबद्ध रही है। 23 साल के सफर में कला दीर्घा में अनेक जरूरतमंद कलाकारों को दीर्घा परिसर में सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उन्हें प्रोत्साहित किया है। दीर्घा के निदेशक सौम्या विजय शर्मा ने बताया कि कोरोनाकाल में आर्थिक रूप से तंग हुए अनेक कलाकारों को जब फुटपाथ पर अपनी कलाकृतियां बेचने का प्रयास करते हुए देखा तो उनके मन में ऐसे कलाकारों की कला को कलानेरी आर्ट गैलरी में सम्मान के साथ सजा कर उनकी बिक्री का प्रयास करने का विचार आया। अपने इस विचार को मूर्त रूप देने के लिए आर्ट गैलरी की ओर से सोमवार से झुंझुनू जिले के गुढ़ा गोढजी गांव के कलाकार इकबाल खान की कलाकृतियों की प्रदर्शनी शुरू की गई।

इकबाल खान एक अध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं और समाज के बच्चों को कला भी सिखाते हैं। आपकी कला में कपड़े की कतरन को काम में लिया जाता है। इकबाल खान इन कतरनों को करीने से सजा कर राजस्थान की वास्तुकला और यहां के प्राकृतिक नजारों को जीवंत करते हैं। इकबाल खान प्रदेश के ऐसे पहले अनूठे कलाकार हैं जो की कपड़ों की कतरनों का रेशा रेशा जोड़कर कलाकृतियां तैयार करते हैं।इस माध्यम से बनाइए कलाकृतियां इतनी जीवंत होती हैं कि देखने वालों को रंगों से बनी कलाकृति का अहसास करवाती हैं।सोमवार से शुरू हुई इस प्रदर्शनी में इकबाल खान ने इसी माध्यम से बनाई गई 77 कलाकृतियां प्रदर्शित की है। सौम्या शर्मा ने बताया की कला दीर्घा की ओर से इन कलाकृतियों का विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार व प्रसार किया जाएगा ताकि इस तरह कलाकारों को बाजार मिल सके।

कला दीर्घा भविष्य में भी ऐसे ही छिपे हुए और बाजार से दूर कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए उनकी प्रदर्शनी आयोजित करेंगी ताकि कलाकार अपनी कलाकृतियों को व्यर्थ के स्थानों पर प्रदर्शित करने को मजबूर ना हो। इकबाल खान की कलाकृतियों की प्रदर्शनी फरवरी 8 से 14 तारीख तक सुबह 10 से शाम 6:00 बजे तक अवलोकनार्थ रहेंगी प्रदर्शनी का विधिवत दीप प्रज्वलन आइ यु खान, प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ आर्ट राजस्थान यूनिवर्सिटी ने किया।