किडनी रोगों का उपचार आयुर्वेदिक तरीकों से भी हो सकता है

चिकित्सा विज्ञान के मुताबिक, किडनी हमारे शरीर की सफाई का कार्य करती है। हमारे शरीर में उपस्थित विषाक्त एवं विषैले पदार्थों को हमारे शरीर के बाहर करती है। किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक अंग है। किडनी का मुख्य कार्य हमारे शरीर में उपस्थित रक्त का शोधन अर्थात हमारे शरीर के खून की सफाई का काम करती है। मानव शरीर में दो किडनी होती हैं जिसमें लाखों छोटे-छोटे फिल्टर पाए जाते हैं। जिन्हें मेडिकल साइंस की भाषा में नेफ्रॉन्स के नाम से जाना जाता है।

वर्तमान समय में किडनी जैसे गंभीर रोग की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। विगत कुछ वर्षों में किडनी की बीमारी में बहुत ही तेजी से इजाफा हुआ है। मेडिकल साइंस के एक सर्वे के अनुसार हमारे देश में लगभग 14 से 15त्न महिलाएं और 12 प्रतिशत पुरुष किडनी जैसी गंभीर बीमारी की समस्या से परेशान है। किडनी की बीमारी एक ऐसी गंभीर समस्या बनती जा रही है जिसकी चपेट में लगभग हर वर्ग के लोग शामिल हैं।

शुरुआती दिनों में किडनी की बीमारी के लक्षण पता नहीं चल पाते हैं और ऐसे में धीरे-धीरे किडनी की बीमारी एक बड़ा रूप धारण कर लेती है। अंत में लोग जब डॉक्टर के पास जाते हैं तो यह किडनी की समस्या काफी जटिल हो जाती है। परंतु अब आपको बिल्कुल भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आयुर्वेद में किडनी की बीमारी का उपचार पूरी तरह से सफल एवं संभव है।

प्राचीन आयुर्वेदिक दवाएं किडनी की बीमारी को बेअसर करती हैं एवं शीघ्र लाभ पहुंचाने में पूरी तरह से मदद करती है। आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के द्वारा किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले घातक तत्वों को पूरी तरह से नष्ट किया जा सकता है जैसे किडनी पूरी तरह से स्वस्थ एवं कार्य करने योग्य बन जाती है।

आशा आयुर्वेदा क्लिीनिक की डॉक्टर चंचल शर्मा के अनुसार, जिन लोगों की किडनी खराब हो चुकी है परंतु वे अभी तक डायलिसिस पर नहीं गए हैं ऐसे लोगों को उनकी सलाह है कि यदि आप आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट को अपनाते हैं तो आपको डायलिसिस पर जाने की नौबत नहीं आएगी, क्योंकि ऐसे ना जाने कितने मरीजों का आयुर्वेद के माध्यम से उपचार हो चुका है।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार आयुर्वेद में कई ऐसी महत्वपूर्ण दवाएं हैं जो उन बीमारियों के इलाज में पूरी तरह से कारगर हैं जिनका अभी तक एलोपैथ में कोई भी उपचार संभव नहीं हो पाया है।

किडनी की बीमारी के आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद के अनुसार गुर्दे की पथरी के लिए विभिन्न प्रकार के उपचार उपलब्ध हैं जो कि इस प्रकार हैं जैसे पुनर्नवा मंडूर, गोक्षुरादी, मुक्ता पिष्टी, मुक्ता पंचामृत, गिलोय सत्त, चंद्रप्रभा वटी, गुग्गुलु इत्यादि आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से इस जटिल किडनी जैसी बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है, परंतु एक बात अवश्य ध्यान रहे की इन सभी औषधियों का सेवन एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श या फिर उनकी देखरेख में ही करना चाहिए। बिना किसी चिकित्सीय परामर्श के इन औषधियों का सेवन ना करें।