कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले यह ख्याल आता है कि यह हमारी सेहत के लिए बुरा है। लेकिन आपको बता दें कि कोलेस्ट्रॉल की एक सीमित मात्रा हमारे शरीर के लिए आवश्यक है। दरअसल, कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का लिपिड, यानी फैट होता है, जो हेल्दी सेल्स बनाने में मदद करते हैं, लेकिन अगर इसकी मात्रा बढऩे लगे, तो यह हार्ट डिजीज की वजह बन सकता है। कोलेस्ट्रॉल बढऩे पर हमारे शरीर में कुछ लक्षण नजर आते हैं। इनके बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि इसके स्तर को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कोलेस्ट्रॉल बढऩे के लक्षण और इसे कैसे कंट्रोल करने के तरीकों के बारे में। इस बारे में हमने डॉ. बिमल छाजर (एम्मस के पूर्व कंसल्टेंट और स््र्रह्ररु हार्ट सेंटर, नई दिल्ली के निदेशक) से बात की। उन्होंने बताया कि हाई कोलेस्ट्रॉल के अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते हैं। इस कारण ही, इसका पता आमतौर पर तब चलता है, जब इसकी वजह से कोई गंभीर बीमारी हमें अपना शिकार बना लेती है। लेकिन इसके कुछ लक्षण होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों में इसका स्तर बढऩे की ओर इशारा करते हैं। कोलोस्ट्रॉल बढ़ते वक्त शरीर देता है ये संकेत, ना करें नजरअंदाज
हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
कोलेस्ट्रॉल बढऩे के कुछ लक्षण व्यक्ति की त्वचा पर नजर आते हैं। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल के कारण त्वचा पर पीले चकते या लंप बन जाते हैं, जो अक्सर आंखों के आस-पास या कोहनी और घुटनों पर नजर आते हैं।
ऐसे ही, कुछ लक्षण हाथ-पैरों में भी नजर आते हैं। कोलेस्ट्रॉल इक_ा होने की वजह से आर्टरीज संकरी होने लगती हैं और रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इसके कारण हाथ या पैर में झंझनाहट या किसी फिजिकल एक्टिविटी के दौरान पैरों में अकडऩ की समस्या हो सकती है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण पाचन तंत्र के साथ भी समस्या हो सकती है। इसकी वजह से पित्त की थैली में स्टोन्स हो सकते हैं। इसकी वजह से पेट के दाईं ओर ऊपरी हिस्से में दर्द होता है।
कोलेस्ट्रॉल बढऩे की वजह से दिल से जुड़ी समस्याएं सबसे आम होती हैं। आर्टरीज में प्लेग इक_ा होने की वजह से ब्लड फ्लो में रुकावट आनी शुरू हो जाती है। इसकी वजह से सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है। अगर आर्टरीज ब्लॉक हो जाए, तो हार्ट अटैक भी आ सकता है, जिसके सामान्य लक्षण हैं- सीने में दर्द और सांस फूलना।
अगर प्लेग की वजह से कोई आर्टरी फट जाए या ब्लॉक हो जाए, तो इसका प्रभाव दिल के साथ-साथ दिमाग पर भी पड़ता है और स्ट्रोक आ सकता है। स्ट्रोक आने पर व्यक्ति को अचानक कमजोरी महसूस होने लगती है या शरीर का एक हिस्सा सुन्न पड़ जाता है, कंफ्यूजन, बोलने में तकलीफ और कॉर्डिनेशन में दिक्कत जैसे लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं।
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