मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमआर में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक ली

जयपुर। राज्य सरकार ने डूंगरपुर व उदयपुर में हुई हिंसा की जांच गृह सचिव को सौंप दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमआर में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक ली। बैठक में गृह विभाग के प्रमुख सचिव अभयकुमार ने बताया कि डूंगरपुर एवं उदयपुर के खैरवाड़ा में बीते दिनों हुए घटनाक्रम से संबंधित सभी पहलुओं की जांच के लिए गृह विभाग के सचिव एनएल मीना को नियुक्त किया गया है।

गहलोत ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के आंकडों में वृद्धि का अभिप्राय अपराधों में वृद्धि नहीं बल्कि इसका मतलब यह है कि राजस्थान के थानों में लंबित जांचों का प्रतिशत सबसे कम है। गहलोत ने अलवर के थानागाजी में हुए बलात्कार प्रकरण में पुलिस द्वारा की गई तफ्तीश की सराहना भी की जिसके कारण अपराधियों को सींखचों तक पहुंचाने में सफलता मिली।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक फरियादी की आवश्यक रूप से सुनवाई तथा एफआईआर दर्ज करने की नीति लागू की हुई है। उच्च स्तर से इसकी निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है। इसी का नतीजा है कि इस्तगासों के जरिए दर्ज होने वाले अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है। राज्य में अदालत के जरिए 156(3) के तहत दर्ज होने वाली एफआईआर की संख्या 31 प्रतिशत से घटकर मात्र 13 प्रतिशत रह गई है।

गहलोत ने कहा कि महिलाओं से संबंधित अपराधों के लिए प्रदेश के सभी 41 पुलिस जिलों में गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वूमन का असर है कि दुष्कर्म तथा पोक्सो केसेज की तफ्तीश में लगने वाले समय में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। पहले जहां इन अपराधों के अनुसंधान में पुलिस को औसत रूप से 278 दिन का समय लगता था वहीं इस यूनिट के गठन तथा मॉनिटरिंग के कारण इस समय में 40 प्रतिशत तक कमी आई है और अब 113 दिन का औसत समय लग रहा है।

सिर्फ जन आंदोलन से ही कोरोना को हराया जा सकता है – गहलोत

राजस्थान के बाद अब केंद्र सरकार ने भी कोरोना के खिलाफ जनजाग्रती अभियान चलाने तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि राजस्थान ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर कोरोना के खिलाफ जनआंदोलन शुरू किया। कोरोना को जन आंदोलन के जरिए ही हराया जा सकता है। लोग इस अभियान में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। हमें लोगों को यह संदेश देना है कि कोरोना से डरना नहीं बल्कि सावधान रहना है।