आत्मा को मुक्ति जीनवाणी से ही संभव है : प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज

28 अगस्त अशोक नगर लोकाशाह जैन स्थानक मे शनिवार को प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करतें हुयें कहांकि परमात्मा की वाणी पर भरोसा करने वाला मानव ही अपने जीवन का नवनिर्माण करके शास्वत सुख प्राप्त कर सकता है आत्मा का पोषण जीनवाणी से ही हो सकता है बिना जीनवाणी के आत्मा संसार से मुक्त नहीं होने वाली नानेश मुनि हितेश मुनि ने विचार व्यक्त करते हुये कहांकि महापुरुषों के बतायें गये मार्ग पर चलने.वाला मनुष्य जीवन कहीं पर भी ठोकर नहीं खा सकता है
धर्मसभा मे चैन्नई पधारे 20 व्यक्तियों के प्रतिनिधि मंडल का संघ अध्यक्ष कांतिलाल जैन ओकारसिंह सिरोया राजेन्द्र खोखावत आदि ने शोलमाला पहनाकर सम्मान किया गया

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