माणक अलंकरण’ अंग्रेजी दैनिक फर्स्ट इंडिया की श्रीमती संगीता शर्मा को

जनसंपर्क कर्मी गुर्जर, कार्टूनिस्ट सिंह, जलतेदीप के भट्ट तथा न्यूज 18 राजस्थान के व्यास को विशिष्ट पुरस्कार तथा राजस्थानी लेखन महिला साहित्यकार पुरस्कार बीकानेर की डॉ. आचार्य को

जोधपुर। खोजपूर्ण, वेशणात्मक व रचनात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में दिये जाने वाले प्रतिष्ठित माणक अलंकरण-2021 व पांच विशिष्ट पुरस्कारों की घोषणा आज यहां मानजी का हत्था स्थित जलतेदीप सभागार में आयोजित संगोष्ठी में चयन समिति की ओर से समारोह की अध्यक्षता कर रहे राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष व पूर्व जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने की। जिसमें अंग्रेजी दैनिक फर्स्ट इंडिया की जोधपुर ब्यूरो प्रमुख तथा मरू तिकोन परिक्रमा की वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती संगीता शर्मा को माणक अलंकरण तथा विशिष्ट पुरस्कारों में जनसम्पर्क श्रेणी में सूचना जनसम्पर्क विभाग कोटा के उपनिदेशक हरिओम सिंह गुर्जर, छायाकार व कार्टूनिस्ट श्रेणी में हनुमानगढ के स्वतंत्र कार्टूनिस्ट मस्तान सिंह, जलतेदीप समूह से दिल्ली के विशेष संवाददाता गोपेन्द्रनाथ भट्ट तथा इलेक्ट्रोनिक मीडिया श्रेणी में न्यूज 18 राजस्थान के जोधपुर संभाग प्रमुख चन्दशेखर व्यास को दिए जाने की घोषणा की गई। संगोष्ठी में राजस्थानी लेखन महिला साहित्यकार का पांचवां विशिष्ट पुरस्कार बीकानेर की डॉ. कृष्णा आचार्य को दिए जाने की घोषणा की गई।

आने वाला समय क्षेत्रीयता का ही होगा: प्रो. कल्याण सिंह शेखावत

केन्द्र सरकार द्वारा गत वर्ष प्राथमिक शिक्षा के लिए घोषित नई शिक्षा नीति राजस्थान में अगले वर्ष से लागू करने का कार्य शुरू हो चुका है। इसके लिए अब पहली से पांचवीं कक्षा तक का पाठयक्रम मातृभाषा में बनाया और पढाया जाएगा। ऐसे में आने वाला समय क्षेत्रीयता का ही होगा। जिसमें सभ्यता व सांस्कृतिक परिवेश को आधार बनाया जाएगा। यह गर्व का विषय है कि क्षेत्रीयता ही आधुनिक शिक्षा का आधार बन रहीे है। यह जानकारी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कला संकाय के पूर्व अधिष्ठाता प्रो. कल्याण सिंह शेखावत ने देते हुए बताया कि वे इस बाबत राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद में कल ही चार दिवसीय कार्यशाला में भाषा लेकर लौटे है। शेखावत रविवार को जलतेदीप के संस्थापक स्व. माणक मेहता की 47वीं पुण्य तिथि पर आयोजित ‘क्षेत्रीय पत्रकारिता और मीडिया का वैश्विक दायरा’ विषयक संगोष्ठी को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित कर रहे थे। राजस्थानी में दैनिक व साप्ताहिक समाचार पत्र प्रकाशित करने का सुझाव देते हुए उन्होने कहा कि क्षेत्रीय समाचार पत्रों से ही इतिहास व संस्कृति समृद्ध होते है।

विचारों की बजाय मिशन को प्राथमिकता देें : व्यास

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने कहा कि आजादी पूर्व से ही पत्रकारिता एक मिशन के तौर पर प्रभावी रही। मगर वर्तमान दौर में पत्रकारिता पर विचारों का प्रभाव हावी होता जा रहा है, ऐसे में किसी को भी प्रोजेक्ट करने से पूर्व उनके उद्धेश्य को भी जानना जरूरी है। विचारों की बजाय मिशन को प्राथमिकता देने से ही देश व समाज का भला होगा। मीडिया में तकनीक के बढ़ते हस्तक्षेप पर प्रकाश डालते हुए जस्टिस व्यास ने कहा कि तकनीक से कार्य आसानी से हो रहे हैं लेकिन इससे न्यायालयों में गोपनीयता भंग होने का खतरा है।

आमजन को जोडने का कार्य करती है क्षेत्रीय पत्रकारिता: बोड़ा

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार तथा पीटीआई जयपुर के पूर्व ब्यूरो प्रमुख राजेन्द्र बोड़ा ने कहा कि पत्रकारिता के मिशन में अब भटकाव आ गया है। समाचार पत्र हर रोज जनता के बीच जाता है। आमजन की बात करता है। मगर तकनीक ने उसे अपने उद्धेश्य से भटका दिया है। पहले समाजवाद, भौतिकवाद और अब अर्थ की दौड़ में अखबार भी शुमार हो गए है। समाचार पत्र के शिक्षक, अभिभावक व दोस्त के तौर पर कार्य करने की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक में सभी प्रकार की मीडिया एक बाजार बन गया है, जहां स्पेस बिक रही है। पहले समाचार पत्र आमजन को सूचना देता था, मगर बदलती तकनीक से आज आमजन मीडिया को सूचना देने का कार्य कर रहा है। ऐसे में सावधानी जरूरी है। क्षेत्रीय पत्रकारिता को मजबूती प्रदान करने के लिए आज मिशन के तौर पर कार्य करने की आवश्यकता जताते हुए उन्होने कहा कि जहां सोशल मीडिया आमजन को तोडऩे का कार्य कर रहा है वहीं क्षेत्रीय मीडिया आमजन को जोडऩे का कार्य करता है। बोडा ने कहा कि कितना भी बड़ा मीडिया समूह हो, लेकिन वो बड़ा बनने से पहले स्थानीय ही था। ऐसे में बदलाव को आत्मसात करते हुए आक्रामकता के साथ कार्य करना होगा।

मिशन से ही देश व समाज का भला संभव: जैन

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि भारतीय सांस्कृतिक संघ, नाइजीरिया के अध्यक्ष संजय जैन ने ‘दैनिक जलतेदीप’ व राजस्थानी मासिक ‘माणक’ की विकास गाथा को अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि मीडिया जहां सूचना देने का माध्यम है, वहीं आज समाज में वॉच डॉ. की भूमिका निभा रहा है। पहले क्षेत्रीय के तौर पर कार्य करने वाला आज नेशनल और फिर इंटरनेशनल मंच बन रहा है। ऐसे में आवश्यक है कि सामाजिक विचारों के साथ ही मिशन से जुड़ाव रखें, जिससे देश व समाज का भला हो सकें। उन्होने कहा कि जोधपुर की अपणायत के चलते आज भी राजस्थान व मातृ भाषा राजस्थानी से जुड़ाव है, इसी के कारण आज नाइजीरिया में भी अप्रवासियों को एक मंच पर लाने का कार्य बखूबी किया जा रहा है। जिसके लिए भारत सरकार ने गत वर्ष इस संस्था को ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ प्रदान कर सम्मानित किया।

क्षेत्रियता में ही सार्वभौमिकता छिपी है: प्रो. सत्यनारायण

संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि जयनारायण व्यास विवि पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. सत्यनारायण ने अनेक हिन्दी व अंग्रेज़ी लेखकों का उदाहरण देते हुए कहा कि बड़े-बड़े लेखक आज क्षेत्रीयता को प्राथमिकता दे रहे है। स्थानीय भाषा में लेखन ही विश्व स्तरीय बनता है। छोटे अखबारों में यर्थाथता होती है, ऐसे में जिम्मेदार क्षेत्रीय अखबारों की महत्ती आवश्यकता है। क्योकि सच्चाई और सार्वभौमिकता आस-पास ही है। उन्होने वर्तमान में प्रचलित सोशल मीडिया को ‘फेक’ बताते हुए कहा कि स्थानीय पत्र ही आमजन की सच्चाई को शासन व प्रशासन के समक्ष उजागर करते हैं। इसलिए समाज के विकास के लिए क्षेत्रीय पत्रकारिता को आगे लाने की आवश्यकता है। प्रारंभ में दैनिक जलतेदीप के प्रधान सम्पादक पदम मेहता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए जलतेदीप की विकास यात्रा एवं संस्थापक सम्पादक माणक मेहता की स्मृति में स्थापित राजस्थान के प्रथम पत्रकारिता सम्मान ‘माणक अलंकरण’ पर प्रकाश डाला। संचालन मुकेश मांडण ने किया। अंत में समाचार सम्पादक गुरूदत्त अवस्थी ने आभार जताया।