मौलाना आज़ाद की नीतियां व सिद्धान्त वर्तमान भारत की ज़रूरत – पंवार

जोधपुर। मौलाना आज़ाद की नीतियां, सिद्धान्त वर्तमान भारत की महत्ती ज़रूरत है। राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बाद वे सबसे कम उम्र के अध्यक्ष रहे। खि़लाफत आंदोलन सहित आज़ादी के कई राष्ट्रीय आंदोलन में उनकी मुख्य भूमिका रही।

ये कहना है शहर विधायिका मनीषा पंवार का। वे अल्पसंख्यक विभाग, जोधपुर जिला कांग्रेस कमेटी, मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालय एवं मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस एवं मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के 133वें जन्मोत्सव पर बीएड आॅडिटोरियम में ‘मौलाना अबुल कलाम आज़ाद – जीवन व सेवाएं‘ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं।

उन्होंने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्षधर रहे, देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना आज़ाद ने शिक्षा नीति को घर-घर पहुंचाने और इसके जरिये विद्यार्थियों के जीवन को उज्जवल बनाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्थापना की। मौलाना आज़ाद ने यूनिवर्सिटी, एज्यूकेशन कमीशन, सेकेन्ड्री एज्यूकेशन कमीशन, आॅल इण्डिया कौंसिल फाॅर टेक्निकल एज्यूकेशन, इन्स्टीट्यूट आॅफ हायर टेक्नाॅलोजी, इण्डियन कौंसिल फाॅर एग्रीकल्चरल एण्ड साइंटीफिक रिसर्च, ललित कला अकादमी जैसी कई संस्थाओं की स्थापना की।

चाहे कितनी भी साम्प्रदायिक ताकते हिन्दुस्तान पर काबिज़ हो जायें लेकिन मौलाना आज़ाद जैसे लोगों की शिक्षा, नीति, सिद्धान्तों के कारण ही हमारा हिन्दुस्तान एक सूत्र में बंधा हुआ है हम कभी भी नहीं बट सकते। जयन्ति, पुण्यतिथि जैसे कार्यक्रमों के जरिये ही आज़ादी के इन महापुरूषों की जानकारियां युवाओं तक पहुंचाना आज समय की मांग है।

जोधपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष दानिश फौजदार ने संगोष्ठी की जानकारी देते हुए कहा कि आज कांग्रेस कमेटी की ओर से देश भर में स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी लीडर और आज़ाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना आज़ाद के जन्मदिवस को ‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस‘ के रूप में मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में यह आयोजन किया गया है।

इस मौके पर जैन धर्म गुरू यति महाराज, हाउसिंग बोर्ड कांग्रेस ब्लाॅक अध्यक्ष प्रीतम शर्मा एवं अल्पसंख्यक कांग्रेस विभाग वरिष्ठ नेता चरणजीत सिंह छाबडा, आजम जोधपुरी, वीनस मार्टिन ने भी देश की आज़ादी में मौलाना आज़ाद के संघर्ष और आजादी के बाद के नये भारत के विकास में उनके योगदान को याद किया।

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