
भारतीय वायुसेना में महिलाओं की सहभागिता बढ़ रही है। कई महिलाएं सेना में शामिल हो रही हैं। इन्हीं महिलाओं में शालिजा धामी का नाम शामिल हो गया है। शालिजा धामी का पद और उपलब्धि भारतीय वायुसेना में बढ़ गया है। धामी को पश्चिमी क्षेत्र में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान मिली है।

भारतीय वायुसेना के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी महिला को कॉम्बैट यूनिट की कमांडर बनाया गया है। वायुसेना की एक महिला पायलट बनना ही अपने आप में बड़ी उपलब्धि है, साथ ही वह भारतीय महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। आइए जानते हैं भारतीय वायुसेना में कॉम्बैट यूनिट की कमांड शालिजा धामी के बारे में।
लुधियाना की शालिजा हैं हेलिकॉप्टर पायलट
कमांडर शालिजा धामी का जन्म लुधियाना में हुआ था। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे, वहीं माता भी सरकारी नौकरी में थीं। पढ़ाई में होनहार शालिजा ने बचपन में ही पायलट बनने का सपना देखा था। जब वह 9वीं कक्षा में पहुंची तो उन्होंने तय कर लिया कि पायलट बनेंगी। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ा परिश्रम किया और वर्ष 2003 में हेलिकॉप्टर पायलट बनीं।
पहली महिला फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर
बाद में शालिजा ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर यूनिट की फ्लाइट कमांडर के पद पर भी कार्य किया है। इसके अलावा उनके नाम एक उपलब्धि और है। वह भारतीय वायुसेना की पहली महिला फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी रह चुकी हैं। बाद में वह विंग कमांडर के पद पर भी रहीं।
15 वर्षों से भारतीय वायुसेना में कार्यरत
वर्ष 2019 में शालिजा ने यूपी के गाजियाबाद में हिंडन एयरपोर्ट पर चेतक हेलिकॉप्टर यूनिट के कमांडर के पद पर अपनी सेवा दी। पिछले 15 सालों से वायु सेना में कार्यरत शालिजा फ्लाइट कमांडर यूनिट की कमान संभाल रही हैं। बता दें कि उनका ग्रुप कैप्टन का पद सेना के कर्नल के बराबर होता है।
यह भी पढ़ें : अमित को मिली रीच मीडिया फैलोशिप