कला, साहित्य एवं पुरातत्व मंत्री ने किया अल्बर्ट हॉल म्यूजियम का दौरा

बारिश से नुकसान का लिया जायजा, भविष्य में ऐहतियाती कदम उठाने के दिए निर्देश

जयपुर। कला, साहित्य एवं पुरातत्व मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने मंगलवार को रामनिवास बाग में अल्बर्ट हॉल म्यूजियम का दौरा कर वहां गत शुक्रवार को हुई भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने म्यूजियम के अंडरग्राऊंड में रिकॉर्ड रूम, स्टोर रूम एवं अन्य सैक्शंस के साथ गैलरीज में जाकर बारिश में भीगे रिकॉर्ड को रिकवर करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी ली। डॉ. कल्ला को मौके पर पुरातत्व विभाग के निदेशक प्रकाश चंद शर्मा एवं संग्रहालय के अधिकारियों ने बारिश से हुए नुकसान के बाद रिकॉर्ड को फिर से दुरूस्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया।

कला, साहित्य एवं पुरातत्व मंत्री ने मौके पर उपस्थित पुरातत्व विभाग एवं संग्रहालय के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में चाहे इस बार से भी अधिक वर्षा हो तो भी संग्रहालय में कीमती सामान, मॉन्यूमेंट्स एवं रिकॉर्ड को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचे इसके लिए ऐहतियाती कदम उठाए जाए। इसके लिए आवश्यक प्रस्ताव एवं योजना तैयार कर शीघ्र कार्य आरम्भ करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि संग्रहालय के रिकार्ड को डिजिटल तरीके से सुरक्षित रखने के लिए भी कार्य किया जाएगा।

डॉ. कल्ला ने बताया कि संग्रहालय के स्टोर में जो ऐतिहासिक कलाकृतियों एवं सामग्री संरक्षित है उनका उपयोग करते हुए भविष्य में जयपुर में एक और म्यूजियम बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही म्यूजियम को आने वाले दिनों मे आरम्भ करने से पहले साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन और फ्यूमिगेशन आदि से सम्बंधित कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए।

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कला, साहित्य एवं पुरातत्व मंत्री ने बताया कि गत शुक्रवार को भारी बारिश के कारण दीवारे ऊंची होने के बावजूद यकायक तेज बहाव के साथ पानी के संग्रहालय के अंडरग्राऊंड में प्रवेश कर गया। इससे कार्यालय के रिकार्ड को नुकसान पहुंचा है। तेज बारिश के समय संग्रहालय में मौजूद कर्मचारी विजिलेंट थे और उन्होंने तत्परता से ढाई हजार साल पुरानी ‘ममी’ सहित महत्वपूर्ण सामान को सुरक्षित रखने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि भीगे हुए रिकॉर्ड को सूखाकर रिकवर करने के साथ ही अधीनस्थ कार्यालयों एवं सचिवालय से इसकी प्रतियां मंगाकर इसे फिर से तैयार करने का प्रयास किया जा रहा हैं।