
हैदराबाद। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा के पास लोकसभा में बहुमत नहीं है। यह सरकार बैसाखियों पर टिकी है। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, क्योंकि वह नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और जयंत चौधरी की बैसाखियों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा- अगर ये चारों दल इस असंवैधानिक विधेयक (वक्फ बिल) का समर्थन नहीं करते हैं, तो यह विधेयक कानून नहीं बन पाएगा। वक्फ विधेयक मुस्लिम वक्फ बोर्ड को हमेशा के लिए बर्बाद कर देगा, लेकिन अगर ये भाजपा का समर्थन करते हैं, तो मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूं कि मुसलमान उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लुटेरा (संशोधन) कानून कहा जाना चाहिए, क्योंकि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों को हड़पना चाहती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह झूठ बोल रहे हैं कि कोई वक्फ ट्रिब्यूनलके खिलाफ अदालत नहीं जा सकता है। ओवैसी ने शनिवार को हैदराबाद में बांह में काली पट्टी बांधकर वक्फ बिल का विरोध करते हुए नमाज पढ़ी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के कहने पर लखनऊ, हैदराबाद और अन्य शहरों में मुस्लिमों को बांह पर पट्टी बांधे देखा गया।
तिरुपति मंदिर से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने पर उठाया सवाल
ओवैसी ने आंध्र प्रदेश CM चंद्रबाबू नायडू पर तिरुपति मंदिर से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने के लिए भी सवाल उठाया। ओवैसी ने कहा- नायडू तिरुपति मंदिर से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाना चाहते हैं। वह गैर-मुस्लिमों को मुस्लिम वक्फ बोर्ड का सदस्य क्यों बनने दे रहे हैं?
सर्वे कमिश्नर को क्यों हटा रहे हैं?
ओवैसी ने कहा कि वक्फ बिल अनुच्छेद 14, 26 और 29 सहित संविधान के कई प्रावधानों का उल्लंघन करता है। आप सर्वे कमिश्नर (प्रस्तावित विधेयक के अनुसार) को क्यों हटा रहे हैं। यह सबसे वरिष्ठ अधिकारी का पद है। यह सब लूट के लिए है। इसे वक्फ (संशोधन) नहीं बल्कि लुटेरों (संशोधन) कानून कहा जाना चाहिए। ओवैसी ने कहा- क्या आप इनकम ट्रिब्यूनल के खिलाफ (समीक्षा याचिका) दायर नहीं कर सकते? अमित शाह देश को गुमराह कर रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं।
दरअसल, गृह मंत्री ने 28 फरवरी को कहा था कि अगस्त 2024 में JPC को भेजा गया वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में फिर से पेश किया जाएगा। सरकार को मौजूदा कानून में संशोधन विधेयक लाना पड़ा क्योंकि मूल कानून तुष्टिकरण की राजनीति के कारण बनाया गया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के बनाए गए मौजूदा कानून के अनुसार इन फैसलों को अदालतों में चुनौती भी नहीं दी जा सकती।