net theat: गजल गायक मोहम्मद वकील ने बांधा समां

‘ये कसक दिल की दिल में चुभी रह गई’ जैसी गजलें गाकर दर्शकों की लूटी दाद

जयपुर। नेट-थियेट के कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज राजस्थान के हर दिल अजीज फनकार मोहम्मद वकील की गजलों और उनकी पुरकशिश आवाज ने लोगों का दिल जीत लिया। मोहम्मद वकील जयपुर के जाने-माने संगीत परिवार से ताल्लुक रखतें है। और आपने बॉलिवुड के नामचिन गायकों और संगीतकारों के साथ काम कर राजस्थान के संगीत को देश-दुनियां में पहुंचाने का प्रयास किया।

नेट-थियेट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि नेट-थियेट की परिकल्पना रंगकर्मी अनिल मारवाडी ने की जिस रंगमंच पर आज मोहम्मद वकील ने गणेश वंदना गाइए गणपति जगवंदन से कार्यक्रम की शुरुआत की ,इसके बाद उन्होंने बशीर बद्र की गजल कसक दिल की दिल में चुभी रह गई का कर माहौल को गजल गजल मय बना दिया।

इसके पश्चात उन्होंने क़तील शिफ़ाई की ग़ज़ल वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे और फिर निदा फाजली की बहुत ही फेमस गज़ल दीवारें उठाना तो हर युग की सियासत है गा कर तो ऑनलाइन दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। अंत में जब उन्होंने जावेद अख्तर लिखित फिल्म वीर जारा की कव्वाली आया तेरे दर पर दीवाना गाया तो लोगों की ऑनलाइन फरमाइश बढ़ने लगी। गायकी, सुरीली आवाज, शास्त्रीय संगीत के मिश्रण युक्त इस कव्वाली ने उनके बेहतरीन कलाकार होने का परिचय दिया।

इनके साथ प्रदेश की बेहतरीन कलाकारों ने संगत की उनमें सब के लाडले वॉयलिन पर गुलजार हुसैन, तबले पर मेराज हुसैन संगत की और कीबोर्ड पर अशफाक हुसैन ने बेहतरीन संगत की और गजल का सफर कार्यक्रम को ऊंचाइयां प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन जानमानी उदघोषिका मृदुला भसीन ने किया।

प्रकाश संचालन मनोज स्वामी अंकित जांगिड, संगीत संचालन विष्णु जांगिड, मचं सज्जा अंकित नोनू, जीतेन्द्र, मुकेश, तपेश शर्मा, शुभम, घृति शर्मा का रहा।