नई दिल्ली। कई राज्यों में झमाझम बारिश के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिमी राजस्थान और गुजरात के कच्छ के रास्ते लौटना शुरू हो गया। दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की प्रक्रिया सोमवार को शुरू हो गई। मौसम विभाग ने मंगलवार को बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य में कम दबाव का क्षेत्र बनने का पूर्वानुमान लगाया है। इससे पूर्वी तट के कुछ राज्यों में बारिश की संभावना है। अलविदा मानसून
छह दिन की देरी से लौट रहा मानसून
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, “दक्षिण-पश्चिम मानसून 17 सितंबर की सामान्य तिथि के मुकाबले 23 सितंबर को पश्चिमी राजस्थान और कच्छ के कुछ हिस्सों से वापस हो गया है। अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी राजस्थान के कुछ और हिस्सों और पंजाब, हरियाणा और गुजरात के आसपास के इलाकों से दक्षिण-पश्चिम मानसून के वापस जाने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।”
इस सप्ताह भी भारी बारिश का अलर्ट
इस बार देशभर में सामान्य से पांच प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने इसी सप्ताह तटीय और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में अत्यंत भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है।
इन राज्यों में हुई कम बारिश
इस सीजन पांच मौसम विज्ञान उपखंडों में कम बारिश दर्ज की गई। इसमें जम्मू और कश्मीर (-26 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (-20), अरुणाचल प्रदेश (-30 प्रतिशत), बिहार (-28 प्रतिशत) और पंजाब (-27 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं नौ उपखंडों में अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई।
एक जून को दस्तक देता है दक्षिण-पश्चिम मानसून
आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून तक केरल में दस्तक देता है और जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरे देश में फैल जाता है। सितंबर के मध्य से यह उत्तर-पश्चिम भारत से वापस लौटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है। इस सीजन देश में 1 जून से 23 सितंबर के बीच 880.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
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