अंदेश्वर तीर्थ पर आचार्य सुनील सागरजी से 15 को 19 से अधिक दीक्षार्थी लेंगे दीक्षा

बांसवाड़ा। दीक्षा लेने से पहले आखिरी बार दोस्तों से हंसी ठिठौली करने का नजारा रविवार को बाहुबली कॉलोनी में निकाली गई दीक्षार्थियों की शोभा यात्रा में नजर आया। उस समय दीक्षार्थी बाहुबली कॉलोनी निवासी भाविक जैन (भव्य भैय्या) के दोस्तों और जैन समाज के लोगों के चेहरों पर खुशी और गम के भाव साफ नजर आए। इतना ही नहीं दीक्षार्थी के दोस्तों की आंखों में घोड़े पर बैठाते समय आखों में आंसू छलक आए।

जहां एक ओर दीक्षार्थियों के लिए मुख्य लक्ष्य 15 अक्टूबर को अंदेश्वर पार्श्वनाथ जैन मंदिर मेें आचार्य सुनील सागर महाराज के सानिध्य में दीक्षा लेना है। वहीं दीक्षार्थी भाविक जैन भव्य भैय्या, श्वेता दीदी परसोला, मोना दीदी अडोल महाराष्ट्र, हीना दीदी प्रतापगढ़ और सलोनी दीदी घाटोल की शोभा यात्रा निकाल कर शाम को जैन समाज के श्रद्धालुओं ने उनकी गोद भराई की रस्म पूरी की। इधर समाज की महिलाओं ने महिला दीक्षार्थियों को सजाधजा कर बग्गी में बैठाया और इस दौरान तीर्थंकरों के जयकारे गूंज उठे। उल्लेखनीय है कि आचार्य सुनील सागर महाराज के संघ में 40 मुनि और साधु अंदेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय परिसर में बिराजित हैं।

जैन समाज के प्रवक्ता प्रतीक जैन ने बताया कि करीब बीस साधु संत अन्य स्थानों पर चतुर्मास रत हैं और 15 अक्टूबर को अंदेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय परिसर में आचार्यश्री के सानिध्य में करीब 19 या इससे अधिक दीक्षार्थी दीक्षा ले सकते हैं। आर्यिका अर्हमश्री माताजी ने रविवार को प्रवचन में कहा कि जैन समाज दीक्षार्थियों को नये वस्त्र पहना कर और शृंगार कर इस बात की परीक्षा ले रहा है कि इससे मन कही मोहित तो नहीं हो रहा है। आप सभी लोगों का परम सौभाग्य है कि आपको दीक्षार्थीयों की अनुमोदना करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

यह दीक्षार्थी अपने माता पिता को छोड़कर दीक्षा लेने जा रहे हैं। आज यह दीक्षार्थी इसलिए सज धज कर तैयार हुए हैं की अभी इनका मन इस श्रंगार में इन रंग-बिरंगे वस्त्रों में मन तो मोहित नहीं हो रहा है वरना अभी भी समय है यदि इनको यह सब कुछ अच्छा लग रहा हो तो अभी इसको अंगीकार कर सकते हैं क्योंकि फिर जो दीक्षा हो जाएगी तो आपका जीवन पर्यंत सभी सजने संवरने रंगीन कपड़े पहनने का त्याग हो जाएगा। चतुर्मास कमेटी के प्रवक्ता महेंद्र कवालिया ने बताया प्रात: सभी दीक्षार्थीयों की भव्य बिनोली कॉलोनी के सभी मार्गों में सभी भक्तों द्वारा नाच गान के साथ निकाली गई। रात्रि में सभी दीक्षार्थियों की गोद भराई की रस्म बाहुबली कॉलोनी वासियों ने पूरी की। इस दौरान रिंकू मेदावत एंड पार्टी द्वारा भजन संध्या रखी गई जिसमें सभी भक्तों द्वारा भक्ति की गई।

चतुर्मास कमेटी के प्रवक्ता महेंद्र कवालिया ने बताया प्रात: सभी दीक्षार्थीयों की भव्य बिनोली कॉलोनी के सभी मार्गों में सभी भक्तों द्वारा नाच गान के साथ निकाली गई। रात्रि में सभी दीक्षार्थियों की गोद भराई की रस्म बाहुबली कॉलोनी वासियों ने पूरी की। इस दौरान रिंकू मेदावत एंड पार्टी द्वारा भजन संध्या रखी गई जिसमें सभी भक्तों द्वारा भक्ति की गई।

इधर समाज की महिलाओं ने महिला दीक्षार्थियों को सजाधजा कर बग्गी में बैठाया और इस दौरान तीर्थंकरों के जयकारे गूंज उठे। उल्लेखनीय है कि आचार्य सुनील सागर महाराज के संघ में 40 मुनि और साधु अंदेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय परिसर में बिराजित हैं। जैन समाज के प्रवक्ता प्रतीक जैन ने बताया कि करीब बीस साधु संत अन्य स्थानों पर चतुर्मास रत हैं और 15 अक्टूबर को अंदेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय परिसर में आचार्यश्री के सानिध्य में करीब 19 या इससे अधिक दीक्षार्थी दीक्षा ले सकते हैं।

आर्यिका अर्हमश्री माताजी ने रविवार को प्रवचन में कहा कि जैन समाज दीक्षार्थियों को नये वस्त्र पहना कर और शृंगार कर इस बात की परीक्षा ले रहा है कि इससे मन कही मोहित तो नहीं हो रहा है। आप सभी लोगों का परम सौभाग्य है कि आपको दीक्षार्थीयों की अनुमोदना करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

यह दीक्षार्थी अपने माता पिता को छोड़कर दीक्षा लेने जा रहे हैं। आज यह दीक्षार्थी इसलिए सज धज कर तैयार हुए हैं की अभी इनका मन इस श्रंगार में इन रंग-बिरंगे वस्त्रों में मन तो मोहित नहीं हो रहा है वरना अभी भी समय है यदि इनको यह सब कुछ अच्छा लग रहा हो तो अभी इसको अंगीकार कर सकते हैं क्योंकि फिर जो दीक्षा हो जाएगी तो आपका जीवन पर्यंत सभी सजने संवरने रंगीन कपड़े पहनने का त्याग हो जाएगा।

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