मदर्स डे: मां के सम्मान में झुकते हैं सिर, इसलिए मनाया है मदर्स डे, ऐसे हुई शुरुआत

मदर्स डे,mother day
मदर्स डे,mother day

मदर्स डे आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। मां का प्यार करने ओर सम्मान देने का कोई दिन विशेष नहीं होता है। लेकिन मदर्स डे एक विशेष दिन है जिस दिन मां के प्रति विशेष स्नेह और प्यार जताया जाता है। क्योंकि मां को हर पल हर दिन वही सम्मान और प्यार दिया जाता है।

मदर्स डे विश्व के अलग-अलग भागों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन मई महीने के दूसरे रविवार को सर्वाधिक महत्त्व दिया जाता है। मदर्स डे मनाने का मूल कारण समस्त माओं को सम्मान देना और एक शिशु को पैदा करने से लेकर उसके लालन पोषण में मां की महान भूमिका को सलाम करना है।

मदर्स डे की शुरुआत एना ने की थी

8 मई, 1914 में एना की कठिन मेहनत के बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने और माँ के सम्मान में एक दिन के अवकाश की सार्वजनिक घोषणा की। तभी से पूरी दुनिया में मदर्स डे पूरी तरह से अस्तित्व में आया और मनाया जाने लगा। इस साल भी मई महीने के दूसरे रविवार यानि १० मई को ‘मदर्स डे’ मनाया जाएगा।

इस उत्सव को मनाने की शुरुआत 1908 में हुई थी। जब वर्जिनिया निवासी एना ने इसकी शुरुआत की थी। ऐसा कहा जाता है कि एना की मां ने उसे बड़े जतन से पाला-पोसा था। अपनी मां के इस समर्पण भाव से वह काफी प्रेरित थी और मां से बेहद प्यार करने लगी थी।

मदर्स डे की शुरुआत करने वाली एना ने प्रतिज्ञा की कि, वह कभी शादी नहीं करेंगी

उन दिनों एना ने प्रतिज्ञा की कि, वह कभी शादी नहीं करेंगी और मां की सेवा उसी भाव से करेंगी, जैसा उसकी मां करती हैं। काफी समय के बाद एना की मां का निधन हो गया।

इसके बाद एना ने मां के प्रति सम्मान के लिए ‘मदर्स डे’ की शुरुआत की। हालांकि, एना के इस प्रस्ताव को अमेरिकी कांग्रेस ने खारिज कर दिया। इसके बाद 1911 में प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया, जिसके फलस्वरूप अमेरिका के राष्ट्रपति ने ‘मदर्स डे’ मनाने की घोषणा की।