नई दिल्ली। संसद का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र सोमवार, 21 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 21 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में केंद्र सरकार 8 नए विधेयक पेश करने जा रही है, वहीं विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
सरकार का मुख्य फोकस आयकर विधेयक 2025 पर रहेगा, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था। यह विधेयक अब संसदीय चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर संशोधनों के साथ संसद में पेश किया जाएगा। समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा ने की थी।
ये प्रमुख विधेयक होंगे चर्चा में: मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 मणिपुर में राष्ट्रपति शासन विस्तार विधेयक जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक 2025 लदान विधेयक 2024, समुद्री माल ढुलाई विधेयक 2024 तटीय नौवहन विधेयक 2024, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 गोवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व से संबंधित विधेयक 2024 मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024, आईआईएम (संशोधन) विधेयक 2025 कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025, भू-विरासत स्थल संरक्षण विधेयक 2025 खान और खनिज (संशोधन) विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक 2025
विपक्ष की ओर से विभिन्न ज्वलंत मुद्दों — जैसे मणिपुर की स्थिति, महंगाई, बेरोजगारी, और संवेदनशील सामाजिक विषयों को लेकर जोरदार बहस की संभावना है। संसद के दोनों सदनों में तीखी बहस और हंगामे की स्थिति भी बन सकती है।
सत्र से जुड़े अहम पहलू: सरकार द्वारा विधायी कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। विपक्ष सरकार की जवाबदेही तय करने पर जोर देगा। कई विधेयक आर्थिक और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े हैं, जिससे व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।