जेट एयरवेज बैंक गारटी मामले में 30 मई को आएगा एनसीएलएटी का आदेश

एयरलाइन जेट
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नयी दिल्ली। पिछले चार साल से बंद चल रही एयरलाइन जेट एयरवेज के मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) 30 मई को आदेश पारित करेगा। जेट एयरवेज के लिए निर्णायक बोली लगाने वाले जालान-कालरॉक गठजोड़ ने अपीलीय न्यायाधिकरण से अपील की थी कि प्रमुख कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भुनाने से रोक दिया जाए। दिवालिया एयरलाइन जेट एयरवेज के कर्जदाताओं और जून, 2021 में दिवाला समाधान बोली जीतने वाले जालान-कालरॉक गठजोड़ के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। बैंक गारंटी भुनाने का मामला भी इसी की एक कड़ी है।

एनसीएलएटी की दो-सदस्यीय पीठ ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अंतरिम अर्जी पर सुनवाई पूरी करने के साथ मामले पर अपना आदेश 30 मई को सुनाने की बात कही। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि दोनों ही पक्षों को कर्ज समाधान योजना लागू करने के लिए कदम उठाने होंगे। कर्ज में फंसी एयरलाइन जेट एयरवेज का परिचालन 18 अप्रैल, 2019 से ही बंद है।

इसके खिलाफ जून, 2019 में दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू हुई थी और जालान-कालरॉक गठजोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। हालांकि, अभी तक कर्ज समाधान योजना को लागू नहीं किया जा सका है। इस बीच, जेट एयरवेज को मिले हवाई परिचालक प्रमाणपत्र (एओसी) की वैधता गत शुक्रवार को समाप्त हो गई। गठजोड़ की तरफ से इस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के लिए अर्जी लगाने के बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है।

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