नेपाल रिश्ते बिगाडऩे पर तुला, पहली बार भारतीय सीमा पर करेगा सेना तैनात

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नेपाल रिश्ते बिगाडऩे पर तुला हुआ है नेपाल सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे के संबंध में संविधान संशोधन बिल अपनी संसद में पेश किया है। नेपाल के इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है।

नई दिल्ली। भारत और नेपाल के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। नेपाल सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे के संबंध में संविधान संशोधन बिल अपनी संसद में पेश किया है। नेपाल की कानून मंत्री शिवमाया तुंबाहंफे ने नए नक्शे के संबंध में संसद में बिल पेश किया है।

नेपाल सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे के संबंध में संविधान संशोधन बिल अपनी संसद में पेश किया है।

नेपाल के इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है। बीते कुछ दिनों से नेपाल के साथ भारत के संबंधों में तल्खियां बढ़ी हैं। हालांकि नेपाल भारत का पुराना मित्र रहा है। नेपाली कांग्रेस नेपाल के न शे को अपडेट करने के लिए संविधान संशोधन का समर्थन कर रही है।

नेपाल के इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है।

लिपुलेख,लम्पियाधुरा और कालापानी के विवादित क्षेत्रों को अपने क्षेत्र में शामिल करना चाहती है। यह कदम नेपाल के नक़्शे को बदलने के लिए उठाया जा रहा है। जब नेपाल ने अपने नए राजनीतिक न शे में भारतीय क्षेत्र को अपना हिस्सा बताया था तभी भारत की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई थी।

विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। नेपाल और भारत के बीच चल रहे सीमा विवाद में नेपाल के तरफ से एक और विवादास्पद फैसला किया गया है।

रिश्ते बिगाडऩे पर तुला हुआ है नेपाल के इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है।

नेपाल सरकार ने नेपाल प्रवेश करने के लिए खुली सीमाओं को बंद करने और सरकार द्वारा निर्धारित सीमा क्षेत्र से ही नेपाल में एंट्री देने का फैसला किया है। भारत के साथ तनाव को देखते हुए नेपाल ने अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की तैनाती को भी मंजूरी दी है।

नेपाल और भारत के बीच चल रहे सीमा विवाद में नेपाल के तरफ से एक और विवादास्पद फैसला किया गया है।

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ऐसा पहली बार हो रहा है। नेपाल और भारत के बीच करीब 1,700 किलोमीटर की खुली सीमाएं हैं। अभी तक नेपाल आने वाले भारतीय नागरिकों को बिना रोक-टोक अपनी सुविधा के मुताबिक इन खुली सीमाओं से एंट्री मिलती थी। नेपाल सरकार के ताजा फैसले से अब सिर्फ निर्धारित सीमा से ही नेपाल में प्रवेश करने की इजाजत मिलेगी।