
तेल अविव। इजराइल लंबे समय से गाजा स्थित हमास के ठिकानों को निशाना बन रहा है। Gaza की हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, पिछले 18 महीनों के दौरान वहां 52 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1.10 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसके चलते अब इजराइल का विरोध न सिर्फ गाजा बल्कि अपनी सेना में भी होने लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, IDF के 1000 सैनिकों ने गाजा में चल रहे युद्ध को खत्म करने और हमास के साथ शांति समझौते को लेकर हाल ही में सरकार के खिलाफ एक चिट्टी लिखी थी, जो वहां के कई अखबारों में छपी है।
Israel ने चिट्ठी लिखने वाले सभी 1000 सैनिकों को किया बर्खास्त
Gaza में चल रही जंग को खत्म करने और इजराइली बंधकों की रिहाई के लिए हमास के साथ समझौते को लेकर लिखी गई चिट्ठी के बाद इजराइल सरकार ने एक्शन लेते हुए इन सभी 1000 रिजर्व सैनिकों को नौकरी से निकाल दिया है। बता दें कि सैनिकों के हस्ताक्षर वाली ये चिट्ठी 10 अप्रैल को इजराइल के कई बड़े अखबारों में छपी थी। इस पत्र को गाजा युद्ध की वजह से इजराइल में पनपते असंतोष के तौर पर देखा जा रहा है।
इजराइली सैनिकों की चिट्ठी में क्या?
इजराइली सरकार के खिलाफ लिखी चिट्ठी में सैनिकों ने लिखा- लंबे समय से गाजा में चल रही जंग अब किसी भी तरह इजराइल के सुरक्षा हित में नहीं है। ये सिर्फ नेताओं के पॉलिटिकल एजेंडे का टूल बनकर रह गया है। इसलिए अब मानवता की भलाई के लिए इस युद्ध को यहीं खत्म कर देना चाहिए। बता दें कि इन 1000 रिजर्व सैनिकों में IDF के चीफ ऑफ स्टाफ रहे डैन हलुट्ज़ और मेजर जनरल निमरोद शेफर भी शामिल हैं। इनका कहना है कि पिछले डेढ़ साल से चल रहे युद्ध की वजह से इजराइली बंधकों के साथ ही सैनिकों की जान भी खतरे में पड़ गई है।
सेना के मिशन पर सवाल उठाना बर्दाश्त के बाहर
1000 सैनिकों द्वारा युद्ध रोकने को लेकर लिखी गई चिट्ठी पर इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने कड़ा एक्शन लिया है। IDF ने कहा- सेमना के मिशन पर इस तरह सवाल उठाना बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि पत्र में हस्ताक्षर करनेवालों में 60 एक्टिव रिजर्व सैनिक थे। इनमें से कुछ पायलट, एयरक्रू और रिटायर्ड सीनियर ऑफिसर थे।
नेतन्याहू हमास के सामने झुकने को तैयार नहीं
बता दें कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हमास की शर्तें मानने को तैयार नहीं हैं। वो पहले ही कह चुके हैं कि हमास के खात्मे तक जंग जारी रहेगी। हमास के पास इजराइल के 58 बंधक अब भी हैं। हालांकि, इनमें से 24 ही जिंदा बचे हैं। वहीं, बंधकों के परिजन इजराइल की सरकार पर लगातार समझौता करने का दबाव बना रहे हैं।